तीसरा खंबा

लापता व्यक्ति को मृत मान लेने की घोषणा

समस्या-

लुधिआना, पंजाब से रविन्द्र दीक्षित ने पूछा है –

मेरे पिता जी सात साल पहले दिमागी असंतुलन के कारण गायब हो गए।  उनका अभी तक कोई पता नहीं चला।  पिता जी के नाम पर लुधिआना में 150 गज जमीन है जिसे अभी हम बेचना चाहते हैं।  कृपया बताएँ कि हम वो जमीन किस प्रकार बेच सकते हैं।  सात वर्ष हमने साल पहले पुलिस थाना में एफआईआर भी दर्ज करा दी थी।

समाधान-

Presumption of deathप के पिता सात वर्षों से लापता हैं तथा उन के लापता होने की प्रथम सूचना रिपोर्ट भी पुलिस थाना में दर्ज करवा दी गई है। इस से यह स्पष्ट है कि सात वर्ष से उन्हें किसी परिचित ने देखा सुना नहीं है। किसी भी प्रकार से किसी व्यक्ति के बारे में बिना सबूत के यह नहीं कहा जा सकता है कि उन का देहान्त हो गया है।

लेकिन भारतीय साक्ष्य अधिनियम की धारा 107 व धारा 108 इस संबंध में हैं कि यदि यह साबित कर दिया जाए कि किसी भी ऐसे व्यक्ति ने लापता व्यक्ति के बारे में पिछले सात वर्ष से देखा सुना नहीं है जो स्वाभाविक रूप से उस के बारे में देखता सुनता यदि वह जीवित होता, तो उसे मृत मान लिया जाएगा तथा यह साबित करने का दायित्व उस पर होगा जो उसे जीवित होने का कथन करता है। साक्ष्य केवल न्यायालय ग्रहण कर सकता है। इस कारण से किसी भी व्यक्ति के बारे में जो सात वर्ष से लापता है और उस के बारे में देखा सुना नहीं गया है केवल न्यायालय ही निर्णय दे सकता है कि उसे मृत मान लिया जाए।

प के मामले में आप के पास प्रथम सूचना रिपोर्ट की प्रमाणित प्रति अवश्य होगी। यदि नहीं है तो उस की प्रमाणित प्रति प्राप्त कीजिए और सिविल न्यायालय में आप के पिता को मृत मान लिए जाने की घोषणा के लिए वाद प्रस्तुत कीजिए।  इस वाद में कोई प्रतिवादी नहीं होगा या आप के परिवार के ही सदस्य होंगे जिन्हें इस पर आपत्ति नहीं होगी। इस कारण वाद शीघ्र निर्णीत हो जाएगा और न्यायालय की डिक्री इस बात का साक्ष्य होगी कि आप के पिता को मृत मान लिया गया है। वैसी स्थिति में उन की संपत्ति उन के उत्तराधिकारियों की होगी। तब आप के पिता के सभी उत्तराधिकारी आपसी सहमति से उक्त भूखंड को विक्रय कर सकते हैं।

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