तीसरा खंबा

वकील विश्वविद्यालय/ महाविद्यालय का नियमित विद्यार्थी हो सकता है

समस्या-

सिरसा, हरियाणा से राजेश ने पूछा है-

मेरा बार कौंसिल द्वारा एक अधिवक्ता (वकील) के रूप में नामांकन हो चुका है और मैं जिला न्यायालय में प्रेक्टिस कर रहा हूँ।  क्या मैं प्रेक्टिस करते हुए एलएल.एम./एम.एड. की उपाधियों के लिए विश्वविद्यालय में नियमित विद्यार्थी के रूप में अध्ययन कर सकता हूँ? यदि मैं ऐसा करूँ तो क्या ये उपाधियाँ मान्य होंगी।

समाधान-

क अधिवक्ता के रूप में नामांकन हो जाने पर कोई भी व्यक्ति अधिवक्ता अधिनियम के अनुसार न्यायालयों के समक्ष पक्षकारों की पैरवी करने में सक्षम हो जाता है। लेकिन यह आवश्यक नहीं कि वह न्यायालय के कार्य समय में न्यायालय में उपस्थित ही रहे। वह अपने कामों को इस तरह से संयोजित कर सकता है कि वह अपना वकालत का काम भी करता रहे और साथ के साथ अध्ययन भी कर सके। इस तरह एक अधिवक्ता अपना काम करते हुए अपने नियमित अध्ययन के लिए विश्वविद्यालय या महाविद्यालय की कक्षाओं में भी उपस्थित हो सकता है।

धिवक्ता अधिनियम तथा बार कौंसिल के नियमों में ऐसी कोई बाध्यता नहीं है कि एक अधिवक्ता किसी महाविद्यालय या विश्वविद्यालय का नियमित विद्यार्थी नहीं हो सकता है। इस कारण से आप अधिवक्ता का कार्य करते हुए किसी भी उपाधि के लिए महाविद्यालय या विश्वविद्यालय में नियमित प्रवेश प्राप्त कर सकते हैं और नियमित कक्षाओं में उपस्थित हो सकते हैं। इस तरह प्राप्त की गई उपाधि वैध होगी। उपाधि की मान्यता का इस से कोई संबंध नहीं है। यदि जिस विश्वविद्यालय से आप ने उपाधि प्राप्त करेंगे वह सर्वत्र मान्य होगी तो वह इस कारण से अमान्य नहीं होगी कि अधिवक्ता का कार्य करते हुए आप ने प्राप्त की है।

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