तीसरा खंबा

वर्षों बाद भी दत्तक ग्रहण का स्मरण-पत्र निष्पादित किया जा सकता है

तीसरा खंबा की पोस्टवैध दत्तक ग्रहण क्या है? उसे कैसे प्रमाणित किया जा सकता है?पर कल महेशचंद्र जी के प्रश्नों का उत्तर देते हुए दत्तक ग्रहण से संबंधित अधिकांश कानूनी जानकारी देने का प्रयत्न किया गया था। जिस से न केवल महेश जी को उन तमाम प्रश्नों के उत्तर मिल जाएँ जो उन्हों ने किए थे, और उन के भी जिन्हें करना वे भूल गए थे, साथ ही अन्य पाठक भी इस विषय पर अपनी जानकारी में वृद्धि कर सकें। 
 महेश जी ने अपनी समस्या से संबंधित विवरण और कुछ प्रश्न और इसी विषय में किए हैं। वे निम्न प्रकार हैं –
प का बहुत बहुत धन्यवाद, जो आपने मेरे प्रश्नों का विस्तार से उत्तर दिया मैं कुछ तथ्य आप को और बता कर अपनी कुछ शंकाएँ और दूर करना चाहता हूँ। जब मैं ने अपना लड़का गोद दिया था तब मेरे बड़े भाई साहब के 10-12 वर्ष की एक लड़की थी। भाई और भाभी ने गोद लिए लड़के को अपने बेटे से भी अच्छी तरह पाला है।  गोद आए लड़के ने भी उन की सेवा इस प्रकार की है, जैसे कोई अपने पिता की भी नहीं करता। गोद पुत्र और उस की पत्नी ने उन की सेवा करने के पीछे नौकरी नहीं की और अपने कैरियर को भी छोड़ दिया। भाभी की मृत्यु हुए 5 वर्ष हो चुके हैं,  भाईसाहब की उम्र 80 वर्ष की हो चुकी है, वे हृदयरोगी हैं, पाँच बार उन्हें हृदयाघात हो चुका है। मेरे भाई की लड़की ने पिछले 12 वर्षों से अपने पिता से संबंध समाप्त किए हुए थे। लेकिन अब वह फिर से अपने पिता के घर आने लगी है। कुछ दिन पहले लड़की और उस के पति ने भाईसाहब के घर आ कर हंगामा किया, गालियाँ दीं और गोदपुत्र व उस की पत्नी के साथ मार-पिटाई भी की। वह कहती है कि गोद लिए हुए लड़के को वापस उस के घर भेज दो और सारी संपत्ति मेरे नाम कर दो।  हमारे पूरे गाँव में सब को पता है कि मेरे बड़े भाई ने मेरे लड़के को गोद लिया हुआ है। भाई साहब भी उसे अपना गोद लिया हुआ लड़का बताते हैं। अब मेरे प्रश्न निम्न प्रकार हैं –
1. क्या जो लिखा पढ़ी उस समय नहीं हो सकी थी, अब हो सकती है? क्या उस की वैध मान्यता होगी? अगर भाईसाहब कोई वसीयत नहीं करते हैं तो भी क्या गोद लेने की लिखापढ़ी के बिना उस लड़के को उस का अधिकार मिल सकेगा?

2.क्या भाई साहब उन की सारी संपत्ति अपनी लड़की के नाम कर जाएँ तो भी क्या उस लड़के को उस संपत्ति में अधिकार होगा? यदि हाँ तो वह किस तरह अपना अधिकार ले सकता है?

3. क्या हिन्दू दत्तक ग्रहण एवं भरण-पोषण अधिनियम हि्दी में प्राप्त हो सकता है? 
 उत्तर 

महेश जी,
पिछली  पोस्ट में ही यह स्पष्ट किया जा चुका था कि  दत्तक ग्रहण के लिए किसी लिखित दस्तावेज की आवश्यकता नहीं है। केवल इतना पर्याप्त है कि किसी बालक/बालिका को दत्तक दिया गया हो और लिया गया हो तथा वह दत्तक ग्रहण कानून के अनुसार हो। विवाह का पंजीकरण कानून के द्वारा अनिवार्य कर दिया गया ह