तीसरा खंबा

वसीयतकर्ता के पूर्व संयुक्त वसीयत के लाभार्थी की मृत्यु पर क्या होगा?

समस्या-

मेरे पिताजी  के  चार पुत्र और 6 पुत्रियां हैं।  मेरे पिताजी ने  सन 1995 में अपनी सारी संपत्ति की रजिस्टर्ड वसीयत कर दी थी। जिसमें चार पुत्रों और पत्नी को अपनी सारी संपत्ति का हिस्सा दिया था। लड़कियों को हिस्से में कुछ नहीं दिया।  पिताजी की मृत्यु के पूर्व एक लड़के का देहांत हो गया, जिसकी कोई औलाद नहीं थी,  शादी नहीं हुई थी। पिताजी की मृत्यु के बाद उस वसीयत को बाकी तीन पुत्रों ने अपने नाम करा लिया।  तो जिस भाई की मृत्यु पिताजी की  मृत्यु से पहले हो गई थी और वसीयत में कोई फेरबदल नहीं किया गया था, तो क्या बाकी जो 6 बहने हैं वह अपने मृत भाई  के हिस्से में जो पिताजी की मृत्यु से पूर्व मर गया था, अपना हिस्सा मांग सकती हैं? मेरे भाई की मृत्यु  जून 2009 में हुई  । और पिताजी की मृत्यु  जुलाई 2009 में हुई थी। उचित मार्गदर्शन करें।

– नीरज, लाजपत नगर, कानपुर (उ.प्र.)

समाधान-

आप के पिताजी ने उनके चार पुत्रों और माता के नाम संयुक्त रूप से वसीयत की थी। इस वसीयत के लाभार्थियों में से एक पुत्र की मृत्यु वसीयतकर्ता की मृत्यु के पहले हो चुकी थी। बाद में वसीयतकर्ता की मृत्यु हो गयी।

आप के मामले में भारतीय उत्तराधिकार अधिनियम की (इंडियन सक्सेशन एक्ट) की धारा 106 प्रभावी होगी।  जो इस प्रकार है-

  1. Legacy does not lapse if one of two joint legatees die before testator.

    -If a legacy is given to two persons jointly, and one of them dies before the testator, the other legatee takes the whole.

Illustration

The legacy is simply to A and B. A dies before the testator. B takes the legacy.

आप के मामले में वसीयतकर्ता के पिता के पूर्व ही वसीयत के एक लाभार्थी पुत्र की मृत्यु हो जाने के कारण वसीयत का वह हिस्सा निरस्त नहीं होगा, अपितु वह हिस्सा वसीयत के अन्य लाभार्थियों को प्राप्त हो जाएगा।

इस तरह  उस भाई का हिस्सा माँ व शेष तीन भाइयों को प्राप्त हो जाएगा। बहनों को जो कि वसीयत की लाभार्थी नहीं हैं, कुछ भी प्राप्त नहीं होगा।

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