तीसरा खंबा

वसीयत में प्राप्त संपत्ति पैतृक नहीं…

हिन्दू उत्तराधिकार अधिनियमसमस्या-

भोपाल, मध्यप्रदेश से विनय ने पूछा है-

पिता ने अपनी स्वअर्जित संपत्ति को अपने पुत्र को वसीयत कर दिया। पिता की मृत्यु हो चुकी है। क्या अब पौत्र उस संपत्ति को पैतृक संपत्ति बता कर अपना हिस्सा मांग सकता है? क्या इस प्रकार की संपत्ति को पैतृक संपत्ति कहा जा सकता है?

समाधान-

पिता की स्वअर्जित संपत्ति वसीयत के द्वारा किसी को प्राप्त हो तो वह प्राप्त होने वाले की स्वअर्जित संपत्ति है। ऐसी संपत्ति को किसी भी रूप में पैतृक संपत्ति नहीं माना जा सकता है। यदि उक्त संपत्ति पुत्र को वसीयत में मिली होने के स्थान पर उत्तराधिकार में प्राप्त हुई होती तो भी पौत्र उस में पिता से हिस्सा नहीं मांग सकता था।

हिन्दू उत्तराधिकार अधिनियम 1956 के प्रभावी होने के बाद स्वअर्जित संपत्ति की यदि वसीयत भी न की जाए तब वह संपत्ति उत्तराधिकार में पुत्र को प्राप्त होगी। लेकिन पौत्र का अपने पिता के जीवनकाल में उस पर कोई अधिकार नहीं होगा। क्यों कि इस अधिनियम की धारा-8 के अनुसार उत्तराधिकार प्राप्त करने वालों की सूची में पुत्र का नाम तो है लेकिन पौत्र का नाम नहीं है। इस कारण से न केवल वसीयत के द्वारा अपितु उत्तराधिकार के द्वारा भी पिता से प्राप्त संपत्ति पैतृक संपत्ति नहीं है और पौत्र को अपने पिता से उस में हिस्सा प्राप्त करने का कोई अधिकार नहीं है।

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