तीसरा खंबा

वसीयत में प्राप्त संपत्ति स्वअर्जित है

 
संजय सिंह ने पूछा है –
 
मेरे पिताजी ने स्वयं अपनी आय से वर्ष 1955 में भूखंड खरीद कर एक मकान बनाया था। उसे उन्हों ने मेरे नाम वसीयत कर दिया। उन के देहान्त के उपरान्त नगर निगम में उस का नामान्तरण मेरे नाम हो चुका है। मेरे एक पुत्र व पुत्री हैं तथा पत्नी जीवित हैं। मैं उक्त मकान की व्यवस्था करना चाहता हूँ।  मेरी एक शंका है कि उक्त मकान मेरा स्वअर्जित है अथवा पैतृक संपत्ति?  क्या मैं इस मकान के संबंध में वसीयत कर सकता हूँ?
 
उत्तर – 
 
संजय जी,
क्त मकान आप के पिताजी की स्वअर्जित संपत्ति थी। इस संपत्ति की आप के पिताजी कोई वसीयत नहीं करते और आप एक मात्र उत्तराधिकारी होते तथा आप के पिता जी के देहावसान के बाद आप इस संपत्ति को उत्तराधिकार में प्राप्त करते तो यह संपत्ति आप की स्वअर्जित संपत्ति न हो कर पैतृक संपत्ति होती। किन्तु आप के पिता ने उक्त संपत्ति की वसीयत कर दी और आप उस वसीयत के आधार पर इस संपत्ति के स्वामी हुए। अब यह मकान आप की स्वअर्जित संपत्ति है। इस मकान पर आप का निर्बाध स्वामित्व है।
ब यह संपत्ति पैतृक न हो कर आप की स्वअर्जित संपत्ति है इस कारण से आप इस मकान के संबंध में निःशंक हो कर वसीयत कर सकते हैं।  यदि आप इस की वसीयत करें तो उसे उपपंजीयक के कार्यालय में पंजीकृत कराएँ जिस से बाद में इस पर प्रोबेट प्राप्त करने की आवश्यकता न रहे।
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