तीसरा खंबा

विक्रय संविदा के अनुसार क्रेता को कब्जा दे देने के बाद विक्रेता संपत्ति का कब्जा वापस प्राप्त करने का दावा नहीं कर सकता।

समस्या-

यूनुस अन्सारी ने सारंगपुर जिला राजगढ़ से पूछा है-

मैं ने एक मकान १२ साल पहले ख़रीदा था, लेकिन रजिस्ट्री नहीं करवा सका। अब विक्रेताबदल गया है और मकान को वापस लेने के लिए दावा कोर्ट में लगा दिया है, मेराबचाव कैसे होगा?.

समाधान-

प ने जब मकान खरीदा तब खरीद का एग्रीमेंट किसी न किसी रूप में जरूर हुआ होगा तथा आप ने उस की कीमत का भुगतान कर के मकान का कब्जा भी हासिल किया होगा। इस तरह मकान खरीदने की संविदा का आंशिक प्रवर्तन हो चुका है तथा केवल रजिस्ट्री कराना शेष था। लेकिन आप सुस्त रह गए और रजिस्ट्री नहीं कराई। 12 वर्ष हो जाने से रजिस्ट्री कराने के लिए संविदा के विशिष्ट पालन का मुकदमा अब आप नहीं कर सकते क्यों कि उस के लिए निश्चित अवधि व्यतीत हो चुकी है।

ब विक्रेता के वारिसान ने आप के विरुद्ध मुकदमा किया है। इस मुकदमे में आप संपत्ति अन्तरण अधिनियम की धारा-53ए के अन्तर्गत संविदा के आंशिक प्रवर्तन का प्रतिवाद ले सकते हैं। इस धारा में प्रावधान है कि यदि कोई व्यक्ति किसी मूल्य के लिए किसी स्थाई संपत्ति के हस्तान्तरण के लिए लिखित संविदा करता है और जिसे संपत्ति का हस्तान्तरण होना है वह उस से संपत्ति का कब्जा प्राप्त कर लेता है तो विक्रेता या उस के अधिकार के अन्तर्गत दावा करने वाला व्यक्ति उस संपत्ति का कब्जा वापस प्राप्त नहीं कर सकता। विक्रेता को यदि उस संविदा के अन्तर्गत विक्रय मूल्य या उस का कोई हिस्सा प्राप्त करना शेष है तो वह केवल मूल्य प्राप्त कर सकता है।

स तरह विक्रेता या उस के अधिकार के अन्तर्गत दावा करने वाले व्यक्ति आप से केवल उस संपत्ति का शेष मूल्य यदि कोई शेष रहा हो तो प्राप्त कर सकते हैं, लेकिन संपत्ति का कब्जा आप से नहीं ले सकते। आप इसी आधार पर उक्त मुकदमे में अपनी प्रतिरक्षा खड़ी करें।

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