न्यायमूर्ति आर एम लोढा और न्यायमूर्ति अनिल आर दवे की खंडपीठ ने आज बार कौंसिल ऑफ इंडिया की अपील की सुनवाई के दौरान यह रोक लगाई।
सर्वोच्च न्यायालय ने यह अंतरिम आदेश तब पारित किया जब बार कौंसिल ऑफ इंडिया की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता एम. एन. कृष्णामणि ने दलील दी कि इस मामले में मद्रास उच्च न्यायालय का 21 फरवरी का फैसला बम्बई उच्च न्यायालय के पहले के उस फैसले के खिलाफ है, जिसमें उसने कहा था कि भारत में विदेशी वकील या लॉ-फर्में अपनी पैठ नहीं बना सकते।
इसके बाद न्यायालय ने 31 विदेशी लॉ-फर्मों को नोटिस जारी करके याचिका का जवाब देने को कहा है। इस बीच रिजर्व बैंक को ऐसा कोई भी लाइसेंस जारी करने से रोक दिया गया है।
उल्लेखनीय है कि मद्रास उच्च न्यायालय ने कहा है कि विदेशी वकीलों को भारत में कुछ मुकदमों की सुनवाई से नहीं रोका जा सकता। कौंसिल ऑफ इंडिया ने इस आदेश को चुनौती दी है।