तीसरा खंबा

विधिक पिता को उत्तराधिकार में प्राप्त संपत्ति में दत्तक पुत्र का अधिकार

समस्या-

अरुण प्रजपात ने राजसमन्द( राजस्थान) से पूछा है-

मैं एक दत्तक पुत्र हूँ। मेरे कानूनी पिता(जैविक पिता नहीं) को उत्तराधिकार में प्राप्त होने वाली संपत्ति में मेरा भी अधिकार होगा? अथवा नहीं?

समाधान-

एक पुरुष (आप के पिता) को उत्तराधिकार में संपत्ति कितने ही स्रोतों से प्राप्त हो सकती है। जैसे उन के पिता से, दादा से, चाचा आदि से अथवा माता से, नानी से अथवा किसी अन्य स्रोत से। यह संपत्ति दो तरह की हो सकती है। जिस व्यक्ति से संपत्ति उन्हें प्राप्त हो रही है वह किसी सहदायिक संपत्ति में उस का हिस्सा हो सकता है या फिर उस की स्वअर्जित या किसी अन्य स्रोत से उसे प्राप्त संपत्ति। (सहदायिक संपत्ति क्या है इस के लिए तीसरा खंबा की पोस्ट पढ़ें)

किसी भी सहदायिक संपत्ति में किसी व्यक्ति का हिस्सा जन्म से ही होता है। या फिर संतान न होने पर किसी को गोद लेने / दत्तक ग्रहण करने पर दत्तक पुत्र का उस में हिस्सा होता है। यदि आप के पिता को प्राप्त होने वाली संपत्ति किसी सहदायिक संपत्ति का हिस्सा हुई तो उस में आप का हिस्सा भी आप के दत्तक ग्रहण के साथ ही तय हो चुका था और सहदायिक संपत्ति के किसी हिस्सेदार के देहान्त पर उस का हिस्सा सभी उत्तरजीवियों में निहीत हो जाता है तो उस का हिस्सा आप को भी तुरन्त प्राप्त होगा।

किन्तु सहदायिक संपत्ति के अतिरिक्त किसी भी अन्य प्रकार की संपत्ति आप के विधिक पिता को उत्तराधिकार में मिलती है तो वह जब तक वे जीवित रहेंगे उन की संपत्ति होगी। वे उसे अपने जीवन में हस्तान्तरित कर सकते हैं या वसीयत कर सकते हैं। यदि उन्होंने जीवनकाल में वसीयत नहीं की तो आप को वह संपत्ति हिन्दू उत्तराधिकार अधिनियम की धारा 8 के अनुसार उत्तराधिकार में प्राप्त हो जाएगी।

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