तीसरा खंबा

विवाह के उपरान्त नाम न बदलना अधिक अच्छा है, इस से पहचान का कोई संकट नहीं होता।

समस्या-

इंदौर, मध्यप्रदेश से पिंकी परिहार ने पूछा है –

मैं विवाहित हूँ और एक शासकीय कर्मचारी हूँ। विवाह पूर्व एवं पश्चात मेरे समस्त दस्तावेजों शासकीय नौकरी, बैंक, वोटर कार्ड, आधार कार्ड इत्यादि में मेरा नाम वही है जो विवाह पूर्व था। दस्तावेजों में विवाह पश्चात नाम परिवर्तन इत्यादि की कोई अनिवार्यता न होने के कारण मैं ने अपना नाम परिवर्तन अर्थात विवाह पश्चात मेरे पति का उपनाम मेरे नाम के आगे नहीं जुडवाया है। मेरे पति को भी इसमें कोई आपत्ति नहीं है। मैं भी अपना विवाह पूर्व का नाम बदलना नहीं चाहती हूँ। विवाह पश्चात बैंक, राशन कार्ड, वोटर कार्ड, आधार कार्ड इत्यादि में मेरे पति का ही पूर्ण नाम अंकित है। अभी मुझे वर्तमान में पासपोर्ट बनवाना है। पासपोर्ट आवेदन में मैंने अपना विवाह पूर्व का नाम एवं अपने पति का पूर्ण नाम अंकित किया है। क्या मुझे उक्त वजह से कोई अड़चन तो नहीं आएगी?

समाधान-

no-problemब आप का नाम आरम्भ से एक ही चला आ रहा है और विवाह के बाद भी नहीं बदला है और न ही पति का नाम/उपनाम नहीं जोड़ा गया है तो आप को चिंता करने की कोई आवश्यकता नहीं है। आप को पासपोर्ट बनवाने में कोई परेशानी नहीं आएगी। किसी भी व्यक्ति का नाम उस की पहचान होता है। समस्या तब उत्पन्न होती है जब कुछ दस्तावेजों में एक नाम हो और कुछ दस्तावेजों में दूसरा नाम हो। कई परिवारों में ऐसी परंपरा है कि जब कोई लड़की विवाह कर ससुराल के परिवार का सदस्य बनती है तो वह ससुराल का उपनाम धारण कर लेती है। कई परिवारों में यह परंपरा है कि मूल नाम ही बदल दिया जाता है। इस से पहचान बदल जाती है। पुराने प्रमाण पत्रों में एक नाम होता है जब कि बाद के दस्तावेजों में दूसरा नाम। वैसी स्थिति में नाम परिवर्तन की घोषणा करते हुए गजट में प्रकाशन आवश्यक हो जाता है। जिस से यह स्पष्ट हो सके कि इन दो नामों वाला व्यक्ति एक ही है।

प के मामले में ऐसा कुछ भी नहीं है। आप का नाम परिवर्तित नहीं हुआ है। इस कारण से आप के मामले में किसी तरह के संदेह की कोई स्थिति नहीं है। आप को पासपोर्ट बनवाने में नाम के कारण कोई समस्या नहीं होगी। अपितु नाम / उपनाम नहीं बदले जाने से आप के मामले आसानी होगी।

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