सिगरौली वैधान, मध्य प्रदेश से ए.के. साहु ने पूछा है-
अन्तर्जातीय विवाह के उपरान्त डिग्री या डिप्लोमा में पत्नी का उपनाम क्या होना चाहिए? पति का या फिर पहले वाला।
समाधान-
पत्नी के जन्म प्रमाण पत्र से ले कर विवाह तक जितने भी प्रमाण पत्र बने हैं उन में निश्चित ही उस का उपनाम उस के पिता के परिवार का रहा होगा। यदि विवाह के उपरान्त उस का उपनाम बदला गया तो उस के पास दो तरह के उपनाम वाले प्रमाण पत्र हो जाएंगे। जिस से उसे बार बार यह स्पष्टीकरण देना होगा कि ये दोनों नाम उसी के अर्थात एक ही व्यक्ति के हैं। इस प्रकार एक नई परेशानी खड़ी हो जाएगी।
यदि उपनाम बदला जाता है तो उस के लिए पूरी प्रक्रिया अपनानी होगी। शपथ पत्र मजिस्ट्रेट के समक्ष तस्दीक कराना होगा। अखबार व राज्य के गजट में सूचना का प्रकाशन करवाना होगा। फिर हर बार जहाँ भी उसे प्रमाण पत्रों से जरूरत होगी तीनों दस्तावेजों की प्रमाणित प्रतियाँ साथ में लगानी होंगी। इस से उस के और उस के पति के कष्ट बढ़ेंगे कम नहीं होंगे।
उपनाम बदले जाने से सिर्फ पति के परिवार के पुंसवादी अहम् की तुष्टि के सिवा कुछ नहीं होगा। इस कारण से प्रमाण पत्रों में पत्नी का नाम जो चला आ रहा है वही चलते रहने देना चाहिए। इस से भविष्य में किसी तरह की कोई परेशानी नहीं होगी। आज कल यह खूब प्रचलन में भी है। मेरी राय में विवाह के कारण किसी का नाम या उपनाम बदला जाना किसी भी प्रकार से उचित नहीं है।