समस्या-
-अम्बुज अग्रवाल, गोरखपुर, उत्तर प्रदेश
समाधान-
आप को दूसरा विवाह करने के पहले पता करना चाहिए था कि जिस लड़की के साथ आप का विवाह हो रहा है उस की क्या स्थिति है। लड़की का विवाह हो चुका है या नहीं है। यदि सच में पहले विवाह हो चुका था और तलाक नहीं हुआ था तो उस लड़की के साथ आप का विवाह शून्य है। आप को केवल उसे न्यायालय से शून्य घोषित कराना है, जिस के लिए आप पहले ही न्यायालय में अपना मुकदमा कर चुके हैं। लड़की पक्ष ने भी आप के विरुद्ध मुकदमे किए हैं। धारा 498-ए के मुकदमे में सब से बड़ा भय तब तक होता है जब तक गिरफ्तारी नहीं होती है। यदि इस मुकदमें में अभी तक पुलिस ने आरोप पत्र न्यायालय में प्रस्तुत नहीं किया है तो आप को चाहिए कि सारी स्थिति सबूतों सहित पुलिस के सामने रखें। यदि अन्वेषण करने वाला अधिकारी आप की नहीं सुनता है तो पुलिस के उच्चाधिकारियों को अपनी स्थिति स्पष्ट करें। हो सकता है पुलिस धारा 498-ए के मामले में आरोप पत्र ही प्रस्तुत नहीं करे।
आप धैर्य रखें और परेशान न हों। सभी मुकदमों को संजीदगी के साथ लड़ें। विवाह को शून्य घोषित कराने के मुकदमे पर पूरा ध्यान दें और उसे जल्दी निर्णीत कराएँ। 498-ए और धारा 125 के मुकदमों का आधार आप का उस लड़की के साथ विवाह है। यदि वह मुकदमा आप के पक्ष में निर्णीत हो जाता है तो विवाह शून्य घोषित होने के कारण अन्य दोनों मुकदमे इस निर्णय के आधार पर समाप्त हो जाएंगे।