समस्या-
ग्वालियर, मध्य प्रदेश ले चिंकी ने पूछा है –
मेरी शादी 19 फरवरी 2011 को ग्वालियर में हुई थी। मैं ओर मेरे पति बॅंगलुर में रहते थे, शादी के 1 महीने बाद जब मैं अपने ससुराल ग्वालियर आई तो मेरे पति ने मुझे 15 दिन तक कोई कॉल नही किया और ना कोई फोन रिसीव किया। जब सास ससुर ने कारण पूछा तो बोले कि जब तक ये जॉब नहीं करेगी मैं इसके साथ अच्छे से नहीं रहूँगा। 6 महीने तक यही चलता रहा, फिर घर वालों के समझाने पर मेरे पति में चालीस प्रतिशत परिवर्तन आया। वो थोड़ा अच्छे से रहने लगे और बात भी करने लगे। पर अभी नवम्बर 2012 में मेरे पति ने कहा कि चलो ग्वालियर चलते हैं। हम ग्वालियर आए। उसके बाद बोले कि चलो तुम्हारे घर से बुलावा आया है, चलो तुम्हारे घर चलते हैं। फिर जब मैं ओर मेरे पति हमारे घर आए तो यहाँ अच्छे से सब से बात की और डिनर करके मेरे पति जाने लगे तो बोले कि तुम रुक जाओ मैं तुम्हे 2 दिन बाद लेने आ जाउंगा, तो मैंने कहा ठीक है। लेकिन मुझे मेरे घर छोड़ने के बाद जब मैंने अपने पति को कॉल किया तो उन्होने 2 दिन कोई फोन नहीं उठाया और सास ससुर को कॉल किया तो उन्होंने भी फोन नही उठाया। फिर मैं ने सोचा कि मैं खुद घर चली जाती हूँ। मैं ससुराल गयी तो वहाँ घर पर ताला डाला हुआ था। और आज 3 महीने हो गये अभी तक कुछ नहीं पता कि सब कहाँ हैं। पति ने भी बॅंगलुर में फ्लेट चेंज कर लिया है और कंपनी भी। अभी 19 फरवरी को कोर्ट से एक नोटिस आया है जिस में लिखा है की मेरे पति ने वहाँ डाइवोर्स केस फाइल कर दिया है। उनके घर से कोई बात करने को तैयार नहीं है। अभी 1 महीने पहले तक मेरे पति के दादाजी कहते थे कि बेटा शांत रहो सब ठीक हो जाएगा। अब पति की तरफ के सारे रिश्तेदार कहते हैं कि वो तुम्हें रखना नहीं चाहते। जब मेरे घरवालो ने कारण पूछा तो नहीं बताया और ना ही मेरे सास ससुर और पति सामने आकर बात करने के लिए राज़ी हैं। ये सब क्या है? कुछ समझ नहीं आ रहा है। कृपया बताएँ कि मुझे क्या करना चाहिए? मेरा और मेरे पति का घर भी यहीं ग्वालियर मैं हैं, तो क्या यह केस ट्रान्सफर किया जा सकता है ओर इसकी प्रक्रिया क्या है?
समाधान-
आप के पति ने किन परिस्थितियों में आप के साथ विवाह किया यह स्पष्ट नहीं है। पर लगता है वे आप के साथ विवाह करना ही नहीं चाहते थे। कर लिया था तो आप के साथ जीवन बिताना नहीं चाहते थे। इस के कारणों में जाने का कोई अर्थ नहीं है। यह तो निश्चित है कि आप के पति आप को अपनी पत्नी के रूप में नहीं देखना चाहते हैं और आप के साथ विवाह के बंधन को समाप्त करना चाहते हैं। इस संबंध को बनाए रखना संभव प्रतीत नहीं होता है। इस कारण से इस से छुटकारा प्राप्त करना ही बेहतर है। हालांकि इस उपाय से आप का या आप के परिवार के लोगों अभी सहमत होना संभव नहीं है। लेकिन इस के सिवा कोई चारा नहीं है।
आप को तुरन्त जीवन निर्वाह के लिए अपने पति से भरण पोषण राशि के लिए धारा -125 दंड प्रक्रिया संहिता और घरेलू हिंसा अधिनियम के अंतर्गत आवेदन ग्वालियर में प्रस्तुत करने चाहिए। यदि आप को किसी तरह की मानसिक और शारीरिक क्रूरता का सामना आप के पति और आप के पति के रिश्तेदारों की ओर से करना पड़ा है तो आप धारा 498-ए भारतीय दंड सहिंता की शिकायत ग्वालियर के उस थाना में कर सकती हैं जिस के क्षेत्र में आप का ससुराल पड़ता है। जिन परिस्थितियों में आप के पति और सास-ससुर आप को अपने परिवार के साथ छोड़ कर गायब हुए हैं वह भी आप के साथ क्रूरता का व्यवहार करना है। आप को ये सब आवेदन तुरन्त करने चाहिए इस से उन्हें इन में अपनी प्रतिरक्षा के लिए ग्वालियर आना पड़ेगा। धारा 498-ए की शिकायत के साथ ही आप अपना स्त्री-धन जो बंगलुरू में या आप के ससुराल के घर में आप के पति व उस के परिवार के कब्जे में है उसे प्राप्त करने के लिए धारा -406 भा.दं.संहिता की शिकायत भी कर सकती हैं।
इस के साथ ही साथ उच्चतम न्यायालय के समक्ष एक आवेदन दीवानी प्रक्रिया संहिता की धारा 25 के अंतर्गत आप के विरुद्ध बंगलुरू में प्रस्तुत किए गए विवाह विच्छेद के प्रकरण को ग्वालियर में स्थानान्तरित करने के लिए प्रस्तुत करना चाहिए तथा साथ में इस तरह के स्थगन आदेश के लिए आवेदन प्रस्तुत करना चाहिए कि जब तक आप का प्रकरण को स्थानान्तरित करने का आवेदन का निर्णय न कर दिया जाए तब तक बंगलुरू में विवाह विच्छेद के प्रकरण की कार्यवाही को स्थगित रखा जाए।
इस सब से उन्हें ग्वालियर आना पड़ेगा। तब दोनों के बीच बातचीत से या न्यायालय के माध्यम से बातचीत के माध्यम से ऐसा मार्ग तलाशा जा सकता है जिस से शीघ्र विवाह विच्छेद हो जाए तथा आप को अपना स्त्री-धन व पर्याप्त स्थाई पुनर्भरण राशि प्राप्त हो जाए। विवाह विच्छेद के उपरान्त आप तय कर सकती हैं कि आप को आगे के जीवन में क्या और कैसे करना है।