तीसरा खंबा

व्यवसायिक किराएदारी की समाप्ति और बेदखली

 रवि मूंदड़ा ने पूछा है –

पिछले दस वर्ष से एक प्राइवेट लिमिटेड कंपनी व्यवसायिक उद्देश्य से किराएदार है। उस से मकान खाली कराने में कितना समय लग सकता है? लीज एग्रीमेंट रजिस्टर्ड नहीं है, मकान मालिक किराया प्राप्त करता रहा है। लेकिन अब कंपनी किराया नहीं दे रही है। राजस्थान किराया नियंत्रण अधिनियम इस मामले में प्रभावी नहीं है। क्या व्यक्तिगत सद्भाविक आवश्यकता  का वास्तविक कारण इस में मदद कर सकता है? मकान मालिक सीढ़ियाँ नहीं चढ़ सकता है वह भूतल के स्थान पर प्रथम तल कंपनी को किराये पर दे सकता है जिसका क्षेत्रफल समान या अधिक हो सकता है।

 उत्तर-

मूंदड़ा जी,

ब कोई प्राइवेट लिमिटेड कंपनी किराएदार हो तो राजस्थान किराया नियंत्रण अधिनियम, 2001 के अध्याय 3 व 4 प्रभावी नहीं होंगे तथा मामला संपत्ति हस्तांतरण अधिनियम में वर्णित लीज के प्रावधानों से शासित होगा। लेकिन इस अधिनियम के शेष प्रावधान प्रभावी होने के कारण आप को अपना आवेदन इसी अधिनियम के अंतर्गत किराया अधिकरण के समक्ष प्रस्तुत करना पड़ेगा। यह एक अच्छी बात है क्यों कि इस अधिनियम में विवाद के निपटारे की जो प्रक्रिया दी गई है वह सामान्य  वादो की सुनवाई के लिए निर्धारित प्रक्रिया से अधिक गतिमय है और मुकदमे का निपटारा जल्दी होने की पूरी संभावना है। 
हाँ किराएदारी व्यवसायिक उपयोग के लिेए होने के कारण आप लीज समाप्त करने की सूचना किराएदार कंपनी को दे सकते हैं। जिस दिन उसे यह सूचना प्राप्त होगी उस के छह माह के उपरान्त आप मकान का कब्जा प्राप्त करने के लिए अर्जी किराया नियंत्रण अधिनियम के अंतर्गत प्रस्तुत कर सकते हैं। यहाँ सद्भाविक आवश्यकता अथवा परिसर बदलने के विषय से आप कोई लाभ नहीं मिलेगा, क्यों कि किराएदारी किराया नियंत्रण अधिनियम के प्रावधानों से शासित नहीं हो रही है। आप का मुकदमा न्यायालय में दाखिल होने के उपरान्त दो से पाँच वर्ष तक का समय परिसर को खाली कराने में लग सकता है। 
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