तीसरा खंबा

व्हाट्स-एप्प पर गाली गलौच और धमकी देना अपराध है, पुलिस को रिपोर्ट करें।

समस्या-

विजय ने बस्ती, बस्ती से उत्तर प्रदेश राज्य की समस्या भेजी है कि-

कुछ दिन पहले मैने मॅट्रिमोनियल वेबसाइट से किसी लड़की से शादी करने का प्रस्ताव रखा और वह मान गये। फिर हम लड़की को देखने उनके घर गोंडा उत्तर प्रदेश गये, हमने लड़की पसंद की। फिर मैं लड़की से कभी कभी फोन पर बात भी कर लेता था और फिर थोड़े दिन बाद हमारी एंगेज्मेंट का कार्यक्रम रखा गया और हमारी एंगेज्मेंट हो गई और फिर उसी दिन मैं ने घर पहुँचकर लड़की के घरवालों से शादी करने से मना कर दिया। पहले तो वो मान ही नहीं रहे थे फिर मैंने उन्हें समझाया और वो इस बात पर मान गए कि हमारा जो खर्चा हुआ है आप उतने पैसे हमें दे दो। यही पर बात ख़तम हो गई और फिर हमने उन्हें पैसे दे दिए। उनके अकाउंट में ट्रान्स्फर कर दिए। फिर आज मुझे लड़की के भाई का व्हाट्स अप पर मेसेज आया लड़के ने लिखा कि मैं तुम पर केस करने लगा हूँ तुम्हारी ज़िंदगी खराब कर दूँगा और भी उसने मेरे लिए बहुत अभद्र भाषा का प्रयोग किया।  मैं ने लड़की से शादी करने से इसलिए मना कर दिया क्यों कि मुझे ऐसा लगा कि मैं इस लड़की के साथ खुश नहीं रहूँगा और ना ही मैं इस लड़की को खुश रख पाऊंगा। मैंने सोचा कि मैं अभी मना कर दूँ तो अपनी और किसी अन्य की ज़िंदगी कराब करने से अच्छा होगा। अब आप मुझे यह बताइये कि अब मैं क्या करूं? क्या लड़का मुझ पर सच में केस करेगा अगर वह मुझ पर केस कर देता है तो फिर मैं क्या करूंगा।

 

समाधान-

प ने बहुत समझदारी का काम किया है कि संबंध को तोड़ लिया और दो जीवन खराब होने से बचा लिए।  आप की सगाई हो चुकी थी जो एक तरह से इस बात का अनुबंध होता है कि दोनों शीघ्र विवाह करेंगे। लेकिन आपने सगाई के तुरन्त बाद उस अनुबंध को तोड़ने का प्रस्ताव किया जिसे खर्चे के रुपये ले कर विपक्ष ने सहमति दे दी। इस कारण यह अनुबंध आपसी सहमति से समाप्त हो गया। इस मामले में किसी तरह का कोई विवाद ही शेष नहीं रहा। इस कारण कोई वैध मुकदमा लड़की का भाई या खुद लड़की या अन्य कोई परिजन नहीं कर सकता, यदि करेगा तो वह निरस्त हो जाएगा। लेकिन यदि कोर्ट से आप को समन मिलते हैं तो आप को उस मुकदमे में अपना बचाव तो करना होगा। यदि ऐसा होता है तो बेहतर वकील करें और अपना प्रतिवाद करें।

उस लड़के ने जो गाली गलौज और धमकी आप को व्हाट्स-एप्प मैसेज से भेजी है। वह भारतीय दंड संहिता और सूचना प्रोद्योगिकी अधिनियम के अन्तर्गत अपराध है। आप इस मैंसेज को डिलिट न करें। आप चाहें तो इस संबंध में आप पुलिस को रिपोर्ट दर्ज करवा सकते हैं, यदि पुलिस रिपोर्ट दर्ज न करे या कार्यवाही  न करे तो एस पी को सूचना करें उस की रसीद अपने पास रखें और फिर न्यायालय में परिवाद प्रस्तुत कर सकते हैं।

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