डॉ. भूपेन्द्र सिंह ने पूछा है –
प्रश्न-1
मैंने एक शेयर मार्केट की टिप्स देने का दावा करने वाली कंपनी का वेब पेज विजिट किया, तबसे मुझे निरंतर वहां से फ़ोन आने लगे की हमारी टिप्स द्वारा आपको कमोडिटी ट्रेडिंग में खासी सफलता मिलेगी। इसके चलते मैंने रुपए 9000/- केतन धनक के खाते में अपने एसबीआई खाते से स्थानान्तरित कर दिए। धनक का खाता संख्या एसएमएस द्वारा उनके द्वारा ही मुझे भेजा गया था, एसएमएस अभी भी मेरे मोबाइल मे संरक्षित है। पैसा पाते ही जो लोग दिन में 10-10 बार फोन करते थे, चुप हो गए और व्यक्तिगत फ़ोन के माध्यम से ट्रेडिंग करवाने का आश्वासन देने की जगह एसएमएस भेजने लगे, वो भी कभी कभी। मैंने पहिले ही दिन हेल्प लाइन पर फ़ोन करके उनसे कहा कि मुझे आपकी इस घटिया सेवा का लाभ नहीं चाहिए, मेरा पैसे लौटा दीजिये पर कोई उत्तर नहीं मिला। मैंने केतन धनक का प्रोफाइल फेस बुक पर खोज कर उन्हे भी विस्तार से लिखा, अपना संपर्क नंबर भी दिया, कोई जवाब आज तक नहीं मिला है, बताइए मुझे क्या करना चाहिए? यह फर्म राजकोट गुजरात की है।
प्रश्न-2
मैं शेयरखान का पंजीकृत सदस्य हूँ। पत्नी और मैं उसके माध्यम से कभी कभी ट्रेडिंग करते हैं। दीवाली के एक दिन पहले मैंने सिल्वर बेची थी। अचानक दाम आसमान छूने लगे। पर शेयरखान की ओर से कोई भी सूचना नहीं दी गई। अचानक १२ बजे मेरे रेवा ब्रांच के शेयर खान के मेनेजर या एजेंट रजनीश गुप्ता का फोन आया की आप तुरंत रुपए 50000/- जमा कीजिये वरना आपका सौदा काट दिया जायेगा। मैं कल प्रतापगढ़ यू.पी. में था। मेरे पास न आन लाइन पैसा भेजने की सुविधा थी, न ही और कोई अन्य विकल्प। मैंने रजनीश गुप्ता और कस्टमर केयर से लगभग तीन-चार घंटे फोन पर बात की,निवेदन किया कि कल तक का समाय दीजिये या मैं अपने पिता जी के खाते से आप जिस नंबर के खाते मे कहें रुपए जमा करवा दूं। पर दोनों विकल्प माने नहीं, वो लोग बोले कि जिस बैंक का नाम है केवल उसी बैंक से ही पैसा भेजा जाये और आज यानि कल 8 नवम्बर को ही तीन बजे तक यह काम हो जाये वरना सौदा काट दिया जायेगा। मेरे बार बार निवेदन के बाद भी सौदा काट दिया गया जिस से मुझे लगभग ७४ हजार रुपए का नुकसान होगया।
मैं मध्य वर्गीय आदमी हूँ और आमदनी में वृद्धि के लिए पत्नी के सहयोग से ट्रेडिंग करना चाहता था, पर इस तरीके से व्यव्हार किया गया, केवल तीन घंटे का समाय दिया गया और मनमाने ढंग से सौदा काट दिया गया। कहा गया कि आपने हस्ताक्षर किये हैं फार्म पर, जो पूरी तरह इंग्लिश में ५०-६० पेज का दस्तावेज है और उसकी कोई कापी भी हमें आज तक उपलब्ध नहीं कराई गयी है।
कृपया मार्गदर्शन कीजिये की क्या इस तरह के मनमाने शर्तों वाले अनुबंध द्वारा अपने क्लाइंट को इस तरह नुकसान पहुचाँना, समय से सूचना दिए बिना और बिना किसी तरह उसकी परेशानी को समझे काम करना जायज और कानून सम्मत है? क्या कानून या नियम संविधान के परे जा कर सम्यक सूचना दिए जाने के बाद और सुनवाई का अवसर दिए जाने के बाद ही दण्डित किये जाने के नियम के विरूद्ध नहीं है? दोनों प्रकरणों में बताने की कृपा कीजिये कि क्या न्याय मिल सकेगा? यदि हाँ, तो किस न्यायाधिकरण के अंतर्गत और कैसे किया जाए?
उत्तर – – –
डॉक्टर साहब!