तीसरा खंबा

शेष उत्तराधिकारी माँ के नाम अपने हिस्से की रिलीज डीड निष्पादित कर दें।

समस्या-
राघवेन्द्र दीक्षित ने लुधियाना पंजाब से पूछा है-

मेरे पिता जी ने 18-19 साल पहले 200 गज़ ज़मीन खरीदी थी जिस में से बाद में 50 गज़ ज़मीन मेरी माता जी के नाम पर कर दी। लेकिन 7 साल पहले 2006 दिसम्बर में पिता जी की दिमागी हालत खराब होने की वजह से वे घर से चले गये और अभी तक वापिस नहीं आए। हम ने पोलीस स्टेशन मे उन के गायब होने की रिपोर्ट भी दर्ज करवा दी थी। पुलिस ने एक सादे कागज पर गायब होने की रिपोर्ट लिख कर हमें प्राप्ति रसीद दे दी थी और हमने अपनी तरफ से भी बहुत ढूंढने की कोशिश की पर उन का कहीं पता नहीं चला। उन की जो 150 गज़ ज़मीन लुधियाना में है वह मैं माता जी के नाम करना चाहता हूँ। इस क़ानूनी प्रक्रिया में मुझे कौन से दस्तावेज़ो की ज़रूरत पड़ेगी और हम इसे किस तरह से करवा सकते हैं। जब पिता जी ने ज़मीन ली थी तो किसी को भी नॉमिनी नहीं बनाया था और बाद में भी नही बनाया था।

समाधान-

प के पिता जी के नाम जो जमीन है वह केवल आप के पिता ही आप की माता जी के नाम करवा सकते थे। अब आप के पिता जी को लापता हुए 7 वर्ष हो चुके हैं। इस कारण से यह अनुमान किया जा सकता है कि वे अब जीवित नहीं हैं। आप पुलिस को जो सूचना दी थी उस की प्राप्ति रसीद की प्रति के साथ तथा आप के व माता जी के शपथ पत्र के साथ उन के मृत्यु प्रमाण पत्र के लिए आवेदन कर दीजिए। आम तौर पर इस तरह मृत्यु प्रमाण पत्र बना दिया जाता है। यदि मृत्यु प्रमाण पत्र बन जाता है तो उस के आधार पर पिता जी की संपत्ति उत्तराधिकार में आप को, आप की माता जी को तथा आप के भाई-बहनों को स्वतः ही प्राप्त हो जाएगी। यदि जन्म मृत्यु पंजीयक मृत्यु प्रमाण पत्र के लिए दीवानी अदालत की डिक्री चाहेगा तो फिर आप को पिता जी को मृत घोषित करवाने के लिए दीवानी न्यायालय में घोषणा का वाद संस्थित कर के डिक्री प्राप्त करनी होगी।

 एक बार मृत्यु प्रमाण पत्र बन जाने के बाद आप और यदि आप के भाई बहिन भी हों तो वे सब मिल कर अपनी माता जी के नाम उक्त जमीन के अपने हिस्से को रिलीज करते हुए रिलीज डीड निष्पादित कर उप पंजीयक के यहाँ पंजीकृत करवा लें। इस तरह वह भूखंड आप की माता जी के नाम हो जाएगा।

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