तीसरा खंबा

सगाई के बाद रिश्ता तोड़ने पर क्या हर्जाना मांगा जा सकता है?

समस्या-

कन्नौज, उत्तर प्रदेश से नीरज ने पूछा है –

मेरे चचेरे बड़े भाई के लिए लड़की देखने गए थे, उसी समय रिंग सेरेमनी (सगाई या रोका) हो गई। कुछ छायाचित्र लिए गए बस। बाद में लड़की वालों का व्यवहार समुचित न होने के कारण हम ने विवाह न करने का निश्चय किया। हम अंगूठी और सामान्य लेन-देन जो दो-चार हजार रुपए की कीमत का है वापस करने को तैयार हैं। लेकिन लड़की के पिता वकील हैं इस लिए हमें आशंका है कि वे कोई कार्यवाही कर सकते हैं। यदि हम इस रिश्ते को आगे न बढ़ा कर यहीं समाप्त कर दें तो लड़की वाले क्या कार्यवाही कर सकते हैं?

समाधान-

Ring ceremonyमैं अक्सर लोगों को यही सलाह देता हूँ कि जब आप पूरी तरह निश्चित हो जाएँ कि अब संबंध बनाने के लिए सब कुछ अच्छी तरह परख लिया गया है तभी वैवाहिक संबंध को कोई रूप देने के लिए आगे बढ़ना चाहिए। वास्तव में रोका, सगाई या कोई भी किसी तरह का लेन-देन आदि तभी करना चाहिए जब सब कुछ यहाँ तक कि विवाह से संबंधित सभी कुछ तारीख, आना जाना आदि तय हो चुका हो। पहले समारोह और विवाह में एक-दो माह से अधिक का समय नहीं होना चाहिए।

प के मामले में जब एक बार नाइत्तफाकी हो चुकी है तो किसी भी कीमत पर यह संबंध करना उचित नहीं है। यदि किसी तरह की कोई आशंका भी हो तो भी इस संबंध को नहीं करना चाहिए। क्यों कि इस संबंध को करने के बाद इस नाइत्तफाकी के परिणाम अधिक भयानक हो सकते हैं।

प लड़की के पिता को स्पष्ट कहिए कि क्या कारण है जिस से आप संबंध आगे नहीं बढ़ाना चाहते हैं। उन्हें ठीक से समझाएँ कि यह संबंध इसी समय समाप्त करना दोनों के लिए बेहतर है। यदि वे समझ जाते हैं तो संबंध समाप्त करने की शर्तें तय कर ली जाएँ और फिर एग्रीमेंट के लिए आवश्यक स्टाम्प पेपर पर संबंन्ध न रखने का एग्रीमेंट लिख कर उस पर दोनों के हस्ताक्षर करवा लिए जाएँ और उस की एक एक प्रति दोनों पक्ष अपने पास रखें।

म तौर पर रिंग सेरेमनी के बाद संबंध तोड़ने में कोई बाधा नहीं है। फिर भी रिंग सेरेमनी एक तरह का विवाह करने की संविदा तो है ही। इस संविदा को यदि आप एक तरफा रीति से तोड़ सकते हैं तो लड़की वाले हर्जाने की मांग तो कर ही सकते हैं। लेकिन वह राशि अधिक नहीं हो सकती। इस मामले को एक-तरफा रखने के स्थान पर मिल बैठ कर तय करेंगे तो कोई बाधा नहीं आएगी।

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