तीसरा खंबा

सर्वे रिपोर्ट दुरुस्त करवाने के लिए घोषणा का वाद प्रस्तुत कर डिक्री प्राप्त करें

 रमेश सुथार ने पूछा है-
न् 1981 में राजस्‍थान राज्‍य सरकार के आदेशानुसार शहर में कच्‍ची बस्‍ती का सर्वे किया गया। उक्‍त सर्वे में नगरपालिका के एक कर्मचारी ने अपने निजी स्‍वार्थ के लिए सर्वे गलत किया। नगरपालिका में संधारित अन्‍य दस्‍तावेजों के अवलोकन मात्र से यह बात स्‍पष्‍ट हो जाती है कि उक्‍त सर्वे में गलती जान बुझ कर की गई है।  उक्‍त सर्वे में की गई गलत को सही कराने के लिए क्‍या कराना होगा?
1.      जहां पर पिता का नाम आना चाहीए था वहां पर सिर्फ एक बेटे का नाम दर्ज किया गया है
2.      प्‍लॉट की वास्‍तविक चौडाई से कम चौडाई दर्ज की गई है|

अब क्‍या किया जाऐ जिससे बेटे के नाम के स्‍थान पर पिता का नाम जा सके और पिता के दोनों बेटों बराबर अपना हक मिल सके?

  उत्तर 
रमेश जी,
प काफी समय से इस समस्या से जूझ रहे हैं। आप को अपने यहाँ के दीवानी विधि के किसी वरिष्ठ वकील को अपने सभी दस्तावेज और अब तक चली कानूनी कार्यवाहियों के दस्तावेज दिखा कर राय करनी चाहिए। मैं आप को पहले भी कह चुका हूँ कि जिस जमीन पर आप काबिज हैं वह पीढ़ियों से आप के पास चली आई है, और आप के कब्जे में है। आप उस के स्वामी हैं। आप को उस जमीन पर आप का लंबे समय (कम से कम 30 वर्ष) से अपना कब्जा साबित करना है और कुछ नहीं। इस के लिए आप को दीवानी अदालत में मुकदमा करना होगा। आप इस काम में देरी न करें। 
हाँ तक गलत सर्वे  का मामला है। सर्वे रिपोर्ट कोई सबूत नहीं है, वह केवल रिपोर्ट मात्र है। आप उसे न्यायालय में चुनौती दे सकते हैं, और सर्वे रिपोर्ट को संशोधित करवाने के लिए घोषणा की डिक्री प्राप्त कर सकते हैं। जो दावा आप अपनी भूमि पर अपने स्वामित्व की घोषणा और अन्य व्यक्तियों को (नगर पालिका और सरकार सहित) उस पर दखल करने से रोकने के लिए करें उसी में यह घोषणा करने की प्रार्थना  भी आप न्यायालय से कर सकते हैं कि सर्वे दोषपूर्ण है उस में पिता के स्थान पर जीवित होते हुए भी एक पुत्र का नाम लिख दिया गया है तथा भूखंड का नाप भी गलत लिखा है, उसे दुरुस्त किया जाए।  

 
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