समस्या-
भगवान सिंह ने छायण, राजस्थान से पूछा है-
क्या पिता के जीवित रहते पैतृक जमीन में हिस्सा ले सकता हूँ? क्या पिता स्वयं अपनी पैतृक जमीन अपने वारिसों को दे सकता है, और किस माध्यम से दे सकता है।
समाधान-
आप के प्रश्न का सब से महत्वपूर्ण भाग यह है कि कोई पुश्तैनी भूमि होनी चाहिए और यह सहदायिक होनी चाहिए अर्थात आप के पिता को या दादा को या परदादा को 17 जून 1956 के पूर्व उत्तराधिकार में अपने पुरुष पूर्वज से प्राप्त हुई हो।
यदि इस तरह की कोई संपत्ति अस्तित्व में है जो कि सहदायिक है तो उस में हर पुरुष का जन्म से ही हिस्सा है और जिस का जन्म से हिस्सा है वह कभी भी बंटवारे का दावा कर के अपना हिस्सा अलग करवा सकता है। इसी तरह आप भी अपना हिस्सा अलग करवाने के लिए बंटवारे का दावा कर सकते हैं।
पिता अपनी संतानों को अपने जीवनकाल में उन के हिस्से पारिवारिक समझौते के आधार पर दे सकता है और उस के आधार पर यदि संपत्ति कृषिभू्मि है तो राजस्व विभाग में सब के अलग अलग खाते करवा सकता है।