प्रवीण सिंह जी,
आप का मामला बिना कोई नोटिस दिए आप की सेवाएँ समाप्त कर देने का है। यह औद्योगिक विवाद अधिनियम के अंतर्गत छँटनी का मामला है। आप की छँटनी आदेशात्मक उपबंधों का पालन नियोजक द्वारा नहीं किए जाने के कारण अवैधानिक है। आप का विवाद औद्योगिक विवाद अधिनियम की धारा 2 ए के अंतर्गत औद्योगिक विवाद है जिसे आप स्वयं भी श्रम विभाग के समक्ष उठा सकते हैं। एक से अधिक व्यक्तियों को नौकरी से हटाने की स्थिति में आम तौर पर यूनियनें एक गलती करती हैं कि सभी सेवा से हटाए गए कर्मचारियों का एक ही औद्योगिक विवाद श्रम विभाग के समक्ष प्रस्तुत कर देती हैं। लेकिन ऐसा करने से मामला जटिल हो जाता है और विवाद के न्याय निर्णयन में बहुत समय लगता है। श्रमिक की सेवा समाप्ति के मामले में यूनियनों को भी श्रमिक की ओर से ही उठाने चाहिए और उस में यूनियन के किसी पदाधिकारी को श्रमिक का प्रतिनिधित्व करने के लिए अधिकार पत्र लेना चाहिए। यदि आप की सेवा समाप्ति का मुकदमा केवल आप का ही लगाया गया है तो बिलकुल ठीक है। यदि कई श्रमिकों की और से लगाया गया है तो भी अभी कुछ बिगड़ा नहीं है।
आम तौर पर इस तरह के मुकदमों में प्रक्रिया यह है कि शिकायत प्रस्तुत होने के उपरान्त श्रम विभाग नियोजक से उस की टिप्पणी (शिकायत का जवाब) मांगता है, टिप्पणी प्राप्त हो जाने पर इस बात का संधारण करता है कि आप की शिकायत औद्योगिक विवाद है या नहीं। शिकायत औद्योगिक विवाद होने की स्थिति में वह उसे औद्योगिक विवाद के रूप में दर्ज कर के समझौता वार्ता आरंभ करता है। समझौता न हो सकने