तीसरा खंबा

स्त्री की संपत्ति का उत्तराधिकार

हिन्दू उत्तराधिकार अधिनियमसमस्या-

कृष्णा नायडू ने कोरबा, छत्तीसगढ़ से पूछा है-

मेरे नाना जी ने अपने जीवन काल मे दो जमीन खरीदी जिस में से एक उन के नाम है और उस में से उनकी बेटियों को हिस्सा मिल रहा है। दूसरी जमीन पर नानी जी का नाम है। क्या उस पर भी बेटियों को हिस्सा मिल सकता है?

समाधान-

नाना जी का देहान्त हो चुका है और उस के साथ ही उन का उत्तराधिकार तय हो गया है जिस में उन की बेटियों का हिस्सा मिल रहा है। नानी के नाम से जो जमीन है वह नाना जी द्वारा खऱीदी गई होने पर भी नानी की है। क्यों कि पत्नी के नाम खऱीदी गई जमीन के बारे में कानून यह है कि वह पत्नी के उपयोग और लाभ के लिए खरीदी गई थी और उसी की संपत्ति है।

ह संपत्ति नानी के जीवनकाल में नानी की रहेगी। नानी यदि उस संपत्ति की वसीयत कर देती हैं तो वह उन्हें मिलेगी जिन्हें नानी ने वसीयत की है। यदि वे निर्वसीयती रह जाती हैं तो फिर उन की संपत्ति उत्तराधिकार के नियमों के मुताबिक नानी के सभी उत्तराधिकारियों को प्राप्त होगी। इन उत्तराधिकारियों में बेटियाँ भी होंगी और उन्हें भी उन का हिस्सा मिलेगा।

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