मेरी कार दुर्घटना में क्षतिग्रस्त हो गई थी। मेरी कार का बीमा था। बीमा कंपनी ने मुझे क्षतिपूर्ति देने से मना कर दिया। मैं ने क्षतिपूर्ति के लिए बीमा कंपनी के विरद्ध जिला उपभोक्ता फोरम में मुकदमा किया। मुकदमे में करीब 2,75,000 रुपए क्षतिपूर्ति तथा दुर्घटना की तिथि से भुगतान करने तक क्षतिपूर्ति की राशि पर 8 प्रतिशत ब्याज अदा करने का आदेश हुआ। कंपनी ने क्षतिपूर्ति अदा करने के स्थान पर अपील की। राज्य मंच ने इस शर्त पर कि बीमा कंपनी दिलाई गई क्षतिपूर्ति की राशि की आधी राशि उपभोक्ता फोरम में जमा करा दे तो जिला फोरम के निर्णय का निष्पादन रोक दिया जाए। बीमा कंपनी ने आधी राशि जिला फोरम में जमा करवा दी। जिला फोरम ने उसे राज्य कोष में जमा करवा दिया जिस का कोई ब्याज नहीं मिलता। राज्य मंच ने बीमा कंपनी की अपील खारिज करते हुए जिला मंच का निर्णय बहाल रखा। अब बीमा कंपनी क्षतिपूर्ति की आधी राशि व उस पर ब्याज देने को तैयार है। लेकिन आधी राशि जो जिला फोरम के यहाँ जमा है उस का ब्याज देने को तैयार नहीं है। उस के लिए कहती है कि वह राशि मैं जिला फोरम से प्राप्त कर लूँ। मुझे जिला फोरम के यहाँ जमा राशि का ब्याज मिलेगा या नहीं? यदि मिलेगा तो उस के लिए कोई नजीर अवश्य बताएँ।
-कमल गुप्ता, अजमेर, राजस्थान
इस संबंध में 29 मई 2009 को दिल्ली उच्च न्यायालय द्वारा मेसर्स अरविंद कंस्ट्रक्शन कंपनी बनाम मेसर्स इंजिनियरिंग प्रोजेक्ट के मुकदमे में दिया गया निर्णय देख सकते हैं। इस के अतिरिक्त आप ए. तोष एण्ड सन्स इंडिया लि. बनाम एन.एन. खन्ना के मुकदमे में दिल्ली उच्च न्यायालय द्वारा पारित निर्णयों को देख सकते हैं और आवश्यकता होने पर इन्हें निष्पादन न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत कर सकते हैं। इन दोनों ही निर्णयों में बताया गया है कि यदि अपील न्यायालय द्वारा अधीनस्थ न्यायालय की डिक्री को स्थगित करने के लिए कोई राशि जमा करने का आदेश दिया जाता है तो ऐसी राशि को डिक्री के भुगतान के लिए अदा की गई राशि नहीं माना जा सकता। ऐसी राशि वास्तव में जिस दिन डिक्री धारक को प्राप्त होगी उस दिन तक का ब्याज निर्णीत ऋणी को अदा करना होगा।