तीसरा खंबा

स्थाई हड़ताल बनाम महत्वपूर्ण दिन

कोटा, दक्षिण-पूर्वी राजस्थान का संभागीय मुख्यालय है। यहां पचास से अधिक अदालतें हैं। यहां के वकील जिन में मैं भी शामिल हूँ, प्रत्येक माह के आखिरी शनिवार को हड़ताल कर काम बन्द रखते हैं। इस का कारण है, कोटा में राजस्थान हाईकोर्ट की बेंच खोली जाए। यह सिलसिला पिछले सात सालों से चला आ रहा है। इस दिन वकील अदालत तक जाते हैं पर काम नहीं करते।

सब को पता है कि इस दिन वकील काम नहीं करेंगे, अदालत को भी। तो अदालतें इस दिन ऐसे मुकदमों को सुनवाई के लिए नहीं रखती जिन में वकीलों की जरुरत हो। जजों ने यह दिन फैसले लिखाने के लिए मुकर्रर कर दिया है, वे भी इजलास में नहीं बैठते हैं। वकील भी इस दिन टेन्शन फ्री होते हैं।  वे अपने निजी काम निपटाते हैं। जैसे सरकारी दफ्तरों के, बच्चों के स्कूलों के, बाजार के, बैंक के, पानी-बिजली के बिल दुरुस्त कराने के आदि आदि। जिस वकील को कोई काम नहीं होता वह दावे-दरख्वास्तें ड्राफ्ट करने, उन्हें टाइप कराने के काम करते हैं। इस से टाइपिस्ट आदि को भी काम का नुकसान नहीं होता।

इस तरह यह एक महत्वपूर्ण दिन होता है। सभी मिस्लेनियस काम करते हैं, बिना किसी टेंशन के।  सभी इस दिन का इन्तजार करते हैं, अलग अलग कारणों से। जज बहुत प्रसन्न रहते हैं, उन के लिए यह बोनस का दिन है। उन का काम का कोटा निश्चित है कि प्रतिदिन के हिसाब से इतने फैसले तो करने ही हैं। जिस का अनुपात जितना अच्छा रहता है उस की रिपोर्ट उतनी ही अच्छी रहती है जिस का आगे पदोन्नति में लाभ मिलता है। यह दिन उन के काम के दिनों में से कम हो जाता है जिस से उन का अनुपात सुधर जाता है।

ऐसा नहीं है कि केवल कोटा के वकील ही ऐसा करते हों। अलग-अलग स्थानों के अपने-अपने दिन और कारण तय हैं। उदयपुर के वकील भी उन के यहां हाईकोर्ट की बेंच के लिए ऐसी ही हड़ताल नियमित रुप से करते हैं। जोधपुर राजस्थान हाईकोर्ट के मुख्यालय के लोग इसलिए ऐसा करते हैं कि जयपुर बैंच को समाप्त किया जाए, उन का आधा काम उन से छिन गया है। छोटे केन्द्रों पर भी किसी न किसी अदालत खोलने या उस का कैम्प चालू करने की मांग विद्यमान रहती है। कुछ केन्द्र हो सकते हैं जहां ऐसा महत्वपूर्ण दिन न होता हो। तो इस आलेख के बाद ईजाद किया जा सकता है।

कभी ऐसा होता है कि माह के आखिरी शनिवार को अवकाश पड़ जाता है तो यह महत्वपूर्ण दिन उससे पहले वाले शनिवार को और उस दिन भी अवकाश हो तो उससे भी पहले वाले शनिवार को मना लिया जाता है।

और अन्त में……. आज मेरे यहाँ यह महत्वपूर्ण दिन है।

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