तीसरा खंबा

स्वअर्जित संपत्ति में संतान का जन्म से कोई अधिकार नहीं।

समस्या-

शिवदानी सिंह ने हनुमान नगर, पटना, बिहार से पूछा है-

मेरे चाचा ने वर्ष 1948 में 5 एकड़ कृषि भूमि अपने कमाई से खरीदी । उनकी शादी नहीं हुई थी और वो हमारे साथ ही रहते थे। वर्ष 2004 में उनकी मृत्यु हो गई। मेरे पिता की मृत्यु तब हुई थी जब मैं 17 वर्ष का था इसलिए घर के मालिक मेरे चाचा ही थे । मेरी 2 (जिंदा) बेटी हैं और तीन पुत्र थे जो बचपन में ही मर गए। मेरी बेटी का मेरे चाचा के जमीन में कितना हिस्सा है और क्या मेरे मृत पुत्रों का भी हिस्सा है मेरे चाचा के कृषि भूमि में?

समाधान-

आप ने अपनी समस्या में अपने पुत्रों और पुत्रियों का उल्लेख तो किया है पर इस तथ्य का कोई उल्लेख नहीं किया है कि आप के भाई-बहिन कितने थे या हैं। यह भी उल्लेख नहीं किया है कि आप के चाचा की कृषि भूमि के अतिरिक्त क्या जायदाद थी और वह कहाँ से आई थी।

कृषि भूमि आप के चाचा ने खुद खरीदी थी इस कारण वे उस के स्वामी थे और वह भूमि पैतृक / सहदायिक नहीं थी। आप के पिता की मृत्यु पहले ही हो चुकी थी। चाचा की मृत्यु के बाद यदि आप का कोई भाई बहन नहीं था तो उन के उत्तराधिकारी आप हुए और वह चाचा की सारी संपत्ति आपकी हुई। इस संपत्ति में जन्म से आप के पुत्र या पुत्रियों को कोई अधिकार प्राप्त नहीं हुआ क्यो कि यह भूमि चाचा की स्वअर्जित संपत्ति थी। यदि आप के कोई भाई बहिन चाचा की मृत्यु के समय जीवित थे तो उन्हें भी चाचा की संपत्ति में आप के समान ही हिस्सा प्राप्त है।

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