समस्या-
मैं नरेगा संविदा कर्मचारी हूा तथा वर्ष 2008 से नियमित सेवायें दे रहा हूँ। पिछले दिनों हमने हमारी वाजिब मांगो के लिए राज्य सरकार के विरूद्ध 37 दिन तक हडताल की थी जिसमे से 15 दिन जनवरी के तथा शेष दिन फरवरी 2012 के थे। अब राज्य सरकार ने हमारी मांगो पर हमारी हडताल के 37 दिवसों में से बची हुई सी एल (आकस्मिक अवकाश) को काटकर वेतन बनाने हेतु आदेश पारित किया है। मैं यह जानना चाहता हू कि क्या शनिवार व रविवार अथवा सरकारी छुटटी को इसमें गिना जायेगा या नही? जैसे इस अवधि के दौरान कुल सरकारी छुटिटयों की संख्या 9 है तथा मेरे खाते मे अभी 10 सीएल बची हुई हैं। हमे राज्य सरकार से कुल 20 सीएल मिलती हैं जो वर्ष समाप्ति मार्च से फरवरी तक लेप्स हो जाती हैं। हमें राजकीय अवकाशों के दिन अधिकारी द्वारा आदेशित कर कार्य हेतु बुलाया जाता है। जिसके आदेश हमारे पास एवं कार्यालय रजिस्टर में प्रमाण के बतैर मौजूद हैं। कुल 10 दिवस तक क्या हमें उनके बदले क्षतिपूर्ति अवकाश या अन्य अवकाश मिलेगा?
कुल हडताल दिवस 37
कुल सीएल बची 10
सरकारी अवकाश 09
क्षतिपूर्ति अवकाश 10
तो कुल कितने दिवस का वेतन मिलेगा या कटेगा?
मुकेश मेहरा, दौसा, राजस्थान
समाधान-
कर्मचारी द्वारा लिए गए दो आकस्मिक अवकाशों के बीच पड़ने वाले सार्वजनिक अवकाशों को अनुपस्थिति नहीं माना जाता। इस कारण से आप के हड़ताल के कुल 37 दिनों में सब से आरंभिक दिनों के कार्यदिवसों का अवकाश स्वीकृत किया जाना चाहिए। मसलन आप की हड़ताल 17 जनवरी मंगलवार को आरंभ हुई हो तो पहले चार आकस्मिक अवकाश 17 से 20 जनवरी तक समायोजित होंगे इस के बाद 21-22 जनवरी को साप्ताहिक अवकाश, उस के बाद 23 से 25 तक तीन आकस्मिक अवकाश समायोजित होंगे, 26 जनवरी को सार्वजनिक अवकाश फिर 27 जनवरी का आकस्मिक अवकाश समायोजित होगा। इस के बाद 28-29 को सा्प्ताहिक अवकाश रहेगा। अब आप के दस आकस्मिक अवकाशों में से आठ का समायोजन हो चुका है आप के केवल दो अवकाश शेष हैं जिन का समायोजन 30-31 जनवरी के लिए किया जाएगा। इस तरह आप के अवकाशों का समायोजन होगा। आप को जनवरी माह का वेतन पूरा मिल जाएगा। अब तक हड़ताल के 15 दिन समायोजित हो चुके हैं। शेष 22 दिन जो आप फरवरी में हड़ताल पर रहे हैं उस का वेतन फरवरी माह के वेतन से काटा जाना चाहिए।