तीसरा खंबा

हिन्दू माँ की संपत्ति में पिता को भी संतानों के साथ समान उत्तराधिकार प्राप्त है।

समस्या-

मेरी मां की मृत्यु 2 साल पहले हो चुकी है। मेरे पिता हम लोगो से 15 साल से अलग दुसरी औरत के साथ रह  रहे हैं। हम  जो लोग के पास जो मकान और जमीन हैं वो मां के नाम हैं। कया  मेरे पिता को यह अधिकार है कि  मेरी मां की  सपंति का दुरुपयोग कर पायेगे।

-राहुल, रांची, झारखंड

समाधान-

प की माँ के नाम से जो जमीन और मकान हैं वे सभी आप की माँ की एब्लोल्यूट संपत्ति थीं। उन की मृत्यु के साथ ही उन का उत्तराधिकार तय हो गया और संपत्ति का आधिकार उन के उत्तराधिकारियों को प्राप्त हो चुका है। हिन्दू स्त्री का उत्तराधिकार हिन्दू उत्तराधिाकर अधिनियम की धारा 15 व 16 से निर्धारित होता है।

प्राथमिक रूप से एक स्त्री की संपत्ति पर उत्तराधिकार उस की संतानों और और पति का होता है। लेकिन यदि कोई संपत्ति उसे अपने मायके से मिली हो तो उस पर पति का अधिकार नहीं होता। यदि उक्त संपत्ति या उस का कोई भाग आप की माताजी को अपने मायके से प्राप्त हुई है तो उस में आप के पिता का कोई अधिकार नहीं है।

यदि संपत्ति आप के माता पिता की आय से बनी है तो उस में आप के पिता का भी हिस्सा है। इस कारण आप यदि चार भाई बहिन हैं तो एक पिता का हिस्सा जोड़ कर कुल पाँच हिस्से हुए और पाँचवें हिस्से पर आप के पिता का अधिकार है वे चाहेँ तो उसे आप से ले सकते हैं, लेकिन उस के लिए उन्हें पहले संपत्ति का कानूनी तौर पर विभाजन करना होगा। हालांकि वे चाहें तो बिना विभाजन के अपना हिस्सा किसी को हस्तांतरित कर सकते हैं। इस से जैसे अभी वे हिस्सेदार हैं वैसे ही खरीददार हिस्सेदार हो जाएगा।

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