समस्या-
मिथिलेश पटेल ने जबलपुर मध्यप्रदेश से पूछा है-
मैं जिला सहकारी केंद्रीय बैंक मर्यादित, जबलपुर (मध्य प्रदेश) में कलेक्टर जबलपुर द्वारा निर्धरित दैनिक कुशल श्रेणी वेतन पर कंप्यूटर ऑपरेटर के पद पर सितम्बर 2008 से कार्यरत हूँ। मुझे पहला आदेश कंप्यूटर ऑपरेटर पद का दिया गया, फिर बाद में प्रोसेस सर्वर पद का आदेश दिया गया पर कार्य कंप्यूटर ऑपरेटर का ही कराया जा रहा है। मैं जोइनिंग दिनांक से लगातार बिना कोई रुकावट के कार्य कर रहा हूँ। पहले हमारा PF नहीं काटा जाता था तो PF ऑफिस में शिकायत करने पर उनके द्वारा हमारे कार्यालय को आदेशित किया गया कि मेरा PF मेरी जोइनिंग दिनांक से काटा जाएँ। जबकि मेरा PF जून २०१६ से काटा जा रहा है। फिर से PF कार्यालय का जोइनिंग दिनांक से PF काटने का नोटिस मिलने पर हमारे कार्यालय द्वारा हमें सेवा से पृथक करने की धमकी दी जा रही है। जबकि हम लगातार दैनिक वेतन पर कार्य कर रहे हैं। इस तरह हम तीन कर्मचारी बैंक कार्यालय में कार्यरत हैं। मेरी पिछले एक वर्ष 366 दिनों में 360 दिनों की पेमेंट बनी हैं मेरे पास सिर्फ पेमेंट आर्डर शीट है।
समाधान-
प्रोविडेण्ट फण्ड विभाग का यह काम है कि वह जिन उद्योगों पर प्रोविडेण्ट फण्ड प्रभावी है वहाँ उस की पालना कराए। जब आप का प्रोविडेण्ट फण्ड एक बार कट चुका है तो पिछला बकाया भी उन्हें देना ही होगा। पर एक बार तसल्ली कर लें कि प्रोविडेण्ट फण्ड जो आप के वेतन से काटा जा रहा है वह विभाग में जमा भी कराया जा रहा है या नहीं।
आप के पास सितम्बर 2008 से नौकरी करने के सबूत हैं। यदि न भी हों तो भी बैंक की कैशबुक आदि को मिटाया नहीं जा सकता। कभी भी उन्हें अदालत में मंगाया जा कर यह साबित किया जा सकता है कि आप ने कब से कब तक काम किया है।
इस तरह की धमकियों से डरने की कोई जरूरत नहीं है। बल्कि यदि कोई धमकी देता है उस का कोई गवाह सबूत हो तो पुलिस में रिपोर्ट दर्ज करा देना चाहिए।
आप एक लंबे समय से काम कर रहे हैं,आप को मांग करनी चाहिए कि आप की सेवा का नियमितिकरण कर आप को स्थायी किया जाए तथा वेतन श्रंखला में वेतन दिया जाए। यह काम आप यूनियन के माध्यम से कर सकते हैं तथा इस का औद्योगिक विवाद उठा सकते हैं। यदि यूनियन यह करने को तैयार न हो तो इस के लिए आप व्यक्तिगत रूप से रिट याचिका भी उच्च न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत कर सकते हैं। इस मामले में आप को स्थानीय उच्च न्यायालय के सेवा सम्बन्धी मामलों के अनुभवी वकील से परामर्श करना चाहिए।