तीसरा खंबा

अपने कब्जे का आप विपरीत आधिपत्य के सिद्धान्त के आधार पर बचाव करें।

rp_law-suit.jpgसमस्या-

समीर ने पठानकोट, पंजाब से समस्या भेजी है कि-

मेरे पिताजी ने ज़मीन ख़रीदी और उसकी रजिस्ट्री चारों भाइयों के नाम कर दी जबकि हम पाँच भाई हैं और इस बात का पता मुझे नहीं था। फ़ौज़ से रिटायर्ड होने के बाद मैं ने उसी ज़मीन पर घर बना लिया और उस के एक साल बाद मुझे पता चला कि मेरे नाम रजिस्ट्री नहीं है। मैं उस जगह पर 18 साल से रहता हूँ। राशन कार्ड, आधार कार्ड, बिजली, पानी का बिल, वोटर कार्ड सब हैं। पर अब आगे क्या करूँ कैसे रजिस्ट्री नाम हो, बताएँ। मैने पूरे जीवन की पूँजी लगा दी है।

समाधान-

जिस जमीन पर आप ने मकान बनाया उसे आप ने अपना समझ कर बनाया। इस पर आज तक किसी ने कोई आपत्ति नहीं की और आप 18 वर्षों से उस पर काबिज हैं और उस पर निवास कर रहे हैं। इस कारण उस भूमि पर आप का विपरीत आधिपत्य है। अब उस जमीन के रेकार्डेड स्वामी आप को बेदखल नहीं कर सकते। आप उस जमीन का उपयोग उपभोग कर सकते हैं और आप के उपरान्त आप के उत्तराधिकारी उस का उपयोग कर सकते हैं। केवल आप का नाम रिकार्ड में नहीं है। यदि उक्त भूमि का कोई रेकार्डेड स्वामी आप के विरुद्ध कोई कानूनी कार्यवाही करे और मुकदमा संस्थित करे तो आप विपरीत आधिपत्य के सिद्धान्त के आधार पर अपना बचाव कर सकते हैं।

ब कभी आपके राज्य में राज्य सरकार की ओर से पट्टे आदि बनाने का अभियान चले आप अपने कब्जे के आधार पर उस जमीन का पट्टा बनवाने का प्रयत्न करें। कभी न कभी तो पट्टा आप के नाम बन ही जाएगा।

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