समस्या-
जब मैं अपनी मां सियादेवी को अपने गाँव से अपने साथ कोलकाता ले आया तो उसके बाद मेरी बहन किरण कुमारी ने हमारे ऊपर आरोप लगाया कि विजय कुमार ने सियादेवी का अपरहण कर लिया है और उस की हत्या कर देगा। किरण कुमारी ने मेरे विरुद्ध न्यायालय में जा कर झूठा मुकदमा कर दिया जिसका CR No. 1591/10 Date:20/09/2010 है। इसके बाद न्यायालय से थाना में फिर दर्ज के लिए पत्र भेजा गया जिसका थाना में Case No. 120/10 Date:29/11/2010 धारा 342/323/363/365/364/506 के अंतर्गत पंजीकृत किया गया। इस केस में 4 लोगो का गवाही में नाम दिया गया है, इसके बाद मेरी माँ सियादेवी का धारा 164 के अंतर्गत दिनांक 15/06/2011 को बयान लिया गया जिस में मेरी माँ सियादेवी ने कहा कि “मैं अपने मर्जी से अपने बेटे विजय कुमार के साथ कोलकाता गयी थी। मेरा अपहरण नहीं किया गया है। मेरी बेटी किरण कुमारी ने झूठा मुकदमा मेरे बेटे विजय कुमार के ऊपर किया है।“ मेरी बहन किरण कुमारी ने मेरे ऊपर झूठा मुकदमा किया इसका प्रमाण धारा 164 के अंतर्गत लिया गया सियादेवी का बयान का कोर्ट से निकला हुआ नक़ल का कागजात मेरे पास है। क्या मैं किरण कुमारी और उन चार गवाह के विरुद्ध कौन सी क़ानूनी करवाई कर सकता हूँ या कौन सा मुकदमा इन लोगो के विरुद्ध कर सकता हूँ?
-विजय कुमार, बेगूसराय, बिहार
समाधान-
इस के अतिरिक्त आप की बहिन द्वारा की गई उक्त शिकायत के कारण जो परेशानी और खर्च उठाना पड़ा है उस के लिए आप उस के विरुद्ध दुर्भावनापूर्ण अभियोजन के लिए दीवानी वाद भी प्रस्तुत कर सकते हैं और उस से हर्जाने की मांग कर सकते हैं। लेकिन दीवानी वाद में जितने हर्जाने की आप मांग करेंगे उतनी राशि पर आप को निर्धारित कोर्ट फीस न्यायालय को अदा करनी होगी।