समस्या-
सीतापुर, उत्तर प्रदेश से आकाश ने पूछा है –
मेरी पत्नी लखनऊ में मेरे बेटी के साथ रहती है। मैं सीतापुर में रहता हूँ। मैं एक बार लखनऊ में अपनी बेटी से मिलने गया तो मेरी पत्नी ने मुझे मारपीट कर झूठे मुकदमे में फँसा दिया। मुझे लखनऊ में जान का खतरा है। मैं ने सीतापुर में संरक्षक एवं प्रतिपाल्य अधिनियम की धारा 25 में बच्चे की अभिरक्षा प्राप्त करने के लिए मुकदमा किया है। पत्नी के वकील ने अदालत में कहा है कि मुकदमा सीतापुर न्यायालय के क्षेत्राधिकार का नहीं है, यह लखनऊ की अदालत के क्षेत्राधिकार में है। क्या मैं इस मुकदमे को सीतापुर में लड़ सकता हूँ? पत्नी मुकदमे को लखनऊ ले जाना चाहती है। कोई ऐसा केस पहले हुआ हो जिस में बच्चे के पिता के यहाँ मुकदमा चला हो तो बताएँ। उचित सलाह दें।
समाधान –
आप की मुख्य परेशानी ये है कि लखनऊ में आप को जान का खतरा है। ये जान का खतरा तो सीतापुर में भी हो सकता है। आप उस खतरे के बारे में पुलिस, प्रशासन और न्यायालय से अलग से राहत प्राप्त कर सकते हैं। लेकिन इस आधार पर उक्त मुकदमे का क्षेत्राधिकार नहीं बदल सकता। आप को उक्त आवेदन सीतापुर न्यायालय से वापस ले कर लखनऊ के न्यायालय में प्रस्तुत करना चाहिए। बाद में आप उसी न्यायालय से जान के खतरे की बात कर सकते हैं या फिर उच्च न्यायालय के समक्ष उक्त मुकदमे को लखनऊ से अन्यत्र जहाँ आप को खतरा न हो स्थानान्तरित करने हेतु आवेदन प्रस्तुत कर सकते हैं।