सम्माननीय साथी विष्णु बैरागी जी का कल एक प्रश्न तीसरा खंबा को प्राप्त हुआ…
यह समस्या नहीं, जिज्ञासा है ।
विधान सभा चुनावों की प्रक्रिया शुरु हो गई है । नामांकन पत्र प्रस्तुत करने के लिए उम्मीदवार, खर्चीले जुलूस के साथ जा रहे हैं । यह खर्च उनके चुनावी खर्च में जुडेगा या नहीं – यही जानने की जिज्ञासा है ।
मुझे बताया गया है कि नाम वापसी के बाद, उम्मीदवारी का अन्तिम निर्धारण हो जाने के बाद ही, उम्मीदवार द्वारा किए गए खर्च को हिसाब-किताब में लिया जाएगा ।
बैरागी जी का प्रश्न न केवल सामयिक है अपितु महत्वपूर्ण है। कोई भी व्यक्ति जो किसी निर्वाचन में उम्मीदवार है, उसे अपने खर्चों का हिसाब जन प्रतिनिधित्व कानून 1951 के अध्याय 8 जो निर्वाचन व्यय के संबंध में है रखना होता है।
जन प्रतिनिधित्व कानून 1951 के अध्याय 8 इस प्रकार है ….
जन प्रतिनिधित्व कानून 1951 के अध्याय 8 इस प्रकार है ….
अध्याय 8
निर्वाचन व्यय
निर्वाचन व्यय
76. अध्याय का लागू होना – यह अध्याय केवल लोकसभा के और राज्य की विधानसभा के लिए निर्वाचन पर लागू होगा।
77. निर्वाचन व्ययों का लेखा और उनकी अधिकतम मात्रा-
(1) निर्वाचन में हर अभ्यर्थी निर्वाचन संबंधी उस सब व्यय का, जो उस तारीख के, जिसको वह नाम निर्दिष्ट किया गया है और उस निर्वाचन के परिणाम की घोषणा की तारीख के, जिनके अन्तर्गत ये दोनों तारीखें आती हैं, बीच स्वयं द्वारा या उसके निर्वाचन अभिकर्ता द्वारा उपगत या प्राधिकृत किया गया है, पृथक और सही लेखा या तो वह स्वयं रखेगा या अपने निर्वाचन अभिकर्ता द्वारा रखवायेगा।
स्पष्टीकरण:
(1) किसी सन्देह के निवारण के लिए यह एतद्द्वारा घोषित किया जाता है कि-
(क) किसी राजनीतिक दल के नेताओं के द्वारा, उस राजनीतिक दल के कार्यक्रम का प्रचार करने के लिए वायुमार्ग से या परिवहन के किन्हीं अन्य साधनों के द्वारा यात्रा किए जाने के कारण उपगत व्यय, इस उपधारा के प्रयोजनों के लिए, उस राजनीतिक दल के अभ्यर्थी या उसके निर्वाचन अभिकर्ता के द्वारा निर्वाचन के सम्बन्ध में उपगत या प्राधिकृत व्यय नहीं समझा जाएगा।
(ख) धारा 123 के खंड (7) में उल्लिखित वर्गों में से किसी वर्ग और सरकार की सेवा में के किसी व्यक्ति द्वारा, उस
खण्ड के किसी शर्त में उल्लिखित अपने पदीय कर्तव्य के निर्वहन या तात्पर्यित निर्वहन में, कोई व्यवस्था करने या सुविधा उपलब्ध कराने या कोई अन्य कार्य करने से सम्बन्धित किसी भी प्रकार का उपगत व्यय, इस उपधारा के प्रयोजनों के लिए किसी अभ्यर्थी या उसके निर्वाचन अभिकर्ता के द्वारा निर्वाचन के संबंध में उपगत या प्राधिकृत व्यय नहीं समझा जाएगा।
स्पष्टीकरण:
(1) स्पष्टीकरण 1 के खण्ड (क) के प्रयोजनों के लिए, किसी निर्वाचन के सन्दर्भ में “राजनीतिक दल के नेताओं” पर का अर्थ है-
(i) जहां ऐसा राजनीतिक दल एक मान्यता प्राप्त राजनीतिक दल है, वहां ऐसे व्यक्तियों की संख्या चालीस से अधिक नहीं है, और
(ii) जहां ऐसा राजनीतिक दल, किसी मान्यताप्राप्त राजनीतिक दल से भिन्न कोई अन्य दल है, वहां ऐसे व्यक्तियों की संख्या बीस से अधिक नहीं है
जिनके नाम, ऐसे निर्वाचन के प्रयोजन से नेता होने के लिए, निर्वाचन आयोग को तथा राज्यों के मुख्य निर्वाचन अधिकारियोंको, इस अधि