समस्या-
सुनील पवार ने वापी, वलसाड़ से गुजरात राज्य की समस्या भेजी है कि-
मैं वैलसपन कम्पनी में 6 माह से काम कर रहा हूं । फाईनल चैकर का काम कर्ता था । अचानक ही मुझे HR बालो ने आफिस में बुलाकर कहा कि हमारे पास कोई काम नहीं है । आप अपना राजिनामा लिख दो। और कल से कम्पनी मत आना । मैने कारण पुछा तो गाली देने लगे । पिछले कुछ दिनों से ये लोग हमसे जबरदस्ती ओवर टाइम्स काम करने के लिए रोक रहे थे और मना कर दिया तो कम्पनी से निकाल देने की बात कहते थे । अगर काम नहीं है तो ओवर टाईम्स कैसे करा रहे हैं । और पुरा दिन जमकर काम कराया जाता है । थोड़ी सी भी गलती हुई तो बहुत गाली दी जाती है । बताईये अब क्या करें ।
समाधान-
आप किसी कंपनी में काम कर रहे हों। अब आप को समझ लेना चाहिए कि जब तक आप किसी कंपनी में एक वर्ष की लगातार सेवा पूरी नहीं कर लेते हैं तब तक कानून आप को किसी तरह की कोई सुरक्षा प्रदान नहीं कर सकता। एक वर्ष की लगातार सेवा का अर्थ है कि आप ने नौकरी लगने से एक साल पूरा करने की अवधि में 240 दिन काम कर लिया हो। उस काम करने का सबूत भी आप के पास होना चाहिए। आप का नियुक्ति पत्र हो, वह न हो तो उपस्थिति कार्ड हो, वेतन भुगतान का कोई सबूत हो, परिचय पत्र आदि हों।
इतना होने पर भी यदि आप किसी राज्य के श्रम विभाग में जाएंगे तो आप को हतोत्साहित किया जाएगा। भ्रष्टाचार भले ही जनता के लिए समाप्त कर दिया गया हो पर कंपनी के मालिकों के लिए वह ईश्वर की पूजा की तरह है। इस विभाग के अधिकांश अफसर मालिकों की भाषा ही बोलते दिखाई देंगे। विभाग की मर्जी के बिना आप अदालत में अपनी अर्जी नहीं दे सकते। आप को क्या परेशानी है, प्रधानमंत्री जी ने कल घोषणा कर ही दी है कि भारत में बेरोजगारी समाप्त हो गयी है। कुछ लोग दलाल थे उन की दलाली खत्म की है तो वे ही बेरोजगारी का हल्ला मचा रहे हैं। वैसी स्थिति में आप को तुरंत ही कहीं न कहीं अच्छा काम मिल ही जाएगा।
वैसे यदि आप के पास छ माह काम करने का सबूत हो और आप से जूनियर अर्थात आप को नौकरी पर रखने के बाद किसी अन्य मजदूर को नौकरी पर रखा गया कर्मचारी आप को नौकरी से हटाने के समय काम कर रहा हो और आप ये अदालत में साबित कर सकते हों तो आप तुरन्त श्रम विभाग में शिकायत करें। शिकायत की एक प्रति पर प्राप्ति के हस्ताक्षर विभाग के प्राप्ति लिपिक से करवा कर मुहर लगा कर रखें। 45 दिन में विभाग द्वारा कोई समझौता नहीं करवाने पर आप विभाग से 45 दिनों में समझौता न होने का प्रमाण पत्र प्राप्त कर श्रम न्यायालय में सीधे अपना विवाद प्रस्तुत करें। इस मामले में आप अपने उद्योग की श्रमिकों की किसी यूनियन या किसी स्थानीय वकील जो श्रम न्यायालय के मामले देखता है उस की मदद ले सकते हैं।