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एडल्ट्री का मिथ्या आरोप साबित करना असम्भव

समस्या-

पीयूष खरे ने छिन्दवाड़ा, मध्यप्रदेश से पूछा है-

मैं विगत कुछ दिनों से परेशान हूँ।  मेरी एक मुहँबोली बहन है। जिसको मैं कॉल करके पूछा करता था की दीदी आप कैसे हो। कुछ 3 से 4 माह पूर्व मैंने उन्हें कॉल किया। मगर उनके पति ने फोन उठाया। बातचीत के दौरान उनसे मेरी कुछ अनबन हो गयी और मैंने उनको कुछ अपशब्द कह दिया। जिससे उनके पति ने दीदी को खुद मारा ओर डाइवोर्स का केस कोर्ट मे डाल दिया। उन्होंने कोर्ट मे ये बताया कि मेरा ओर दीदी का नाजायज सम्बन्ध है। जबकि ऐसा कुछ भी नहीं है। क्या किया जाए कि उनके पति उनको वापिस ले के चले जाएँ। कृपया कोई रास्ता बताएँ।

समाधान-

आपके और उनके बीच ऐसा कुछ नहीं है जिसे गलत कहा जा सके तो आप को निश्चिन्त रहना चाहिए। आपकी मुहँबोली बहिन के पति ने तलाक का मुकदमा इसलिए नहीं किया है कि आप कहीं बीच में हैं। वास्तविक कारण कुछ और है, वह कारण क्या है यह आपको खोजना चाहिए। वे सज्जन जिन्होने तलाक का मुकदमा किया है पहले से एक या अधिक कारणों से जो विधिक भी हो सकते हैं और अविधिक भी हो सकते हैं अपनी पत्नी से तलाक लेना चाहते थे। आपकी फोन काल उनके पकड़ में आ गयी और उन्होंने उसे मुद्दा बना लिया। आप बे-वजह ही एक मुद्दा बन गए हैं।

यदि पति पत्नी के बीच मामला सुलझने वाला है तो सभी को कोर्ट के बाहर समझौते का प्रयास करना चाहिए और जल्दी से इस विवाद का निपटारा कर देना चाहिए।  जारकर्म (एडल्ट्री) का जो आरोप पति ने अपनी पत्नी के विरुद्ध लगाया है वह सही नहीं है तो किसी भी हालत में प्रमाणित नहीं किया जा सकेगा। एडल्ट्री के मिथ्या आरोप को सही साबित किया जाना असंभव है। अन्य कारण तुच्छ हैं तो समझौता होने में कोई परेशानी नहीं होनी चाहिए।

यदि दोनों के बीच का विवाद ऐसा है कि उसका निपटारा संभव नहीं है तो तलाक हो जाना बेहतर है। वरना लड़ते लड़ते सारा जीवन दोनों का निकल जाएगा। तलाक हो जाने से दोनों एक नया रास्ता चुन सकते हैं।

हमारे विचार से इस मामले में आपकी भूमिका कुछ भी नहीं है। आपको इस मामले से हट कर चुप हो जाना चाहिए। आप की तरफ से यह भी इस मामले को निपटाने में मदद ही होगी। कुछ लोग तो ऐसे होंगे ही जो पति पत्नी के बीच समझौता चाहते होंगे। आप उन्हें कहिए कि वे अपनी भूमिका अदा करें। हमें लगता है कि इसी तरह मामले का निपटारा हो सकता है।

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