मसलन एक कॉलसेंटर कर्मचारी प्रकाश जुनेजा से उस के एक मित्र ने तीन लाख रुपए के ऋण के गारंटर बनने के लिए कहा। प्रकाश एक घनिष्ट मित्र होने के कारण इस बात के लिए तुरंत सहमत हो गया। ऋण प्राप्त करने के साल भर बाद ही अचानक प्रकाश का मित्र अपनी वर्तमान नौकरी छोड़ दूसरे नगर में दूसरी नौकरी प्राप्त कर ली। अब प्रकाश को यह भी पता नहीं है कि उस का मित्र कहाँ रहता है और क्या नौकरी कर रहा है? इस तरह अब प्रकाश पर अपने मित्र का ऋण अदा करने की जिम्मेदारी आ गई। इस तरह आप के सामने भी ऐसी परिस्थितियाँ आ सकती हैं। हम में से बहुत से ऐसे हैं जिन से किसी मित्र या रिश्तेदार द्वारा गारंटर बनने के लिए कहा जा सकता है। हमारी जैसी संस्कृति है हम अपने मित्र या रिश्तेदार की मदद करने से मना करने में संकोच करते हैं। लेकिन जब भी कभी हम गारंटर बनने को तैयार हों तो हमें यह अवश्य जान लेना चाहिए कि इस के क्या क्या हानिकारक परिणाम हो सकते हैं।
हमें किसी भी व्यक्ति का गारंटर होने के पहले इस तरह सोचना चाहिए कि वित्तीय संस्था ऋण के लिए आवेदन करने वाले व्यक्ति के बारे में निश्चित नहीं है कि उस की पुनर्भुगतान की क्षमता कैसी है? ऐसी परिस्थिति में गारंटर होने के पहले मूल ऋणी की वित्तीय क्षमता के बारे में गहन जानकारी कर लिया जाना जरूरी है। आप से गारंटर होने के लिए इस लिए कहा जा रहा है कि आप की ऋण चुकाने की क्षंमता विश्वास के योग्य है, लेकिन हमेशा यह इस लिए नहीं होता कि ऋण लेने वाले व्यक्ति की ऋण चुकाने की क्षमता में कोई कमी है। अपितु इस लिए भी गारंटर की मांग की जाती है कि ऋण आवेदक की नौकरी स्थानान्तरणीय होती है, या उसे अपनी नौकरी के