समस्या-
डॉ. आर सी गौड़, जयपुर, राजस्थान से पूछते हैं-
मेरे पिता की कुछ खेती की जमीन है। पिताजी का 1998 में देहान्त हो गया है। 1962 में उक्त कृषि भूमि के खातेदारी अधिकार उन के चार पुत्रों के नाम (प्रत्येक का चौथाई हिस्सा) स्थानान्तरित कर दिए गए। 1997 में मेरे सब से बड़े भाई ने एसडीओ कोर्ट में 62.5 प्रतिशत हिस्से के लिए मुकदमा कर दिया। उन की भी मृत्यु 1998 में हो गई। उन के पाँच पुत्र, पत्नी और दो पुत्रियाँ हैं। उन सब ने एक पुत्र को मुकदमा लड़ने के लिए अधिकृत कर दिया। एसडीओ कोर्ट से 2011 में मुकदमा खारिज कर दिया गया। अधिकृत पुत्र ने उक्त निर्णय की अपील कर दी। जिस में हमारे साथ साथ अपने भाई, बहन और माँ को भी पक्षकार बनाया। संभवतः मुकदमे में देरी करने के लिए। लेकिन एक वर्ष के उपरान्त भी उस के परिजनों को मुकदमे के समन तामील नहीं हुए हैं। मुकदमे में कोई प्रगति नहीं हो रही है। हम तीन भाई अपने हिस्से की जमीन बेचना चाहते हैं। मेरा एक भाई बहुत बीमार है उसे पैसों की बहुत जरूरत है। लेकिन अपील लंबित होने के कारण हम जमीन नहीं बेच पा रहे हैं। आप बताएँ हम क्या करें।
समाधान-
आप के पिता की मृत्यु के बाद ही तो आप भाइयों के नाम भूमि के खातेदारी अधिकार स्थानान्तरित हुए होंगे। इस तरह आप के पिता की मृत्यु तिथि 1
आप के भाई ने 1997 में 62.5 प्रतिशत भूमि के लिए दावा किया। यह दावा किस आधार पर किया गया यह आप ने नहीं बताया है। हो सकता है यह इस आधार पर किया हो कि जमीन पैतृक संपत्ति थी और आप के पिता जी को उन के दादा जी से प्राप्त हुई थी और आप के सब से बड़े भाई का जन्म 1956 के पूर्व का है और अन्य सभी भाइयों का 1956 में हिन्दू उत्तराधिकार अधिनियम लागू होने के बाद का। खैर, उस संबंध में आप का कोई प्रश्न नहीं है।
आप के बड़े भाई का दावा खारिज हो गया है। उस की अपील की गई है। यदि अपील में किसी तरह का स्थगन आदेश नहीं है तो आप शेष तीन भाई बिना विभाजन के भी अपना हिस्सा बेच सकते हैं। अपने हिस्से का पंजीयन क्रेता के नाम करवा सकते हैं और यदि जमीन का कब्जा आप के पास है तो कब्जा भी क्रेता को हस्तांतरित कर सकते हैं। उस में कोई बाधा नहीं है। अपील में आप के साथ ही क्रेता भी पक्षकार बन सकता है। आप को इस काम में सिर्फ इतनी बाधा हो सकती है कि क्रेता इस अपील के चलते खरीदी गई भूमि के विक्रय की कुछ राशि रोक ले। यदि आप को इस तरह का कोई क्रेता मिल जाए तो आप उसे अपने हिस्से की जमीन बेच सकते हैं।
उक्त मुकदमे में सभी का प्रतिनिधित्व करने के लिए आप के बड़े भाई के जिस पुत्र को सब ने अधिकृत किया हुआ है और जिसने अपील की है उस के लिए यह कह सकते हैं कि चूंकि उक्त अधिकार पत्र खारिज नहीं किया गया है और अपील दावे का ही अगला रूप है। इस लिए उस अधिकृत पुत्र की अपील से संबंधित दावे में जिन लोगों ने उसे अधिकृत किया हुआ था उन्हें अपील में अपीलान्ट की उपस्थिति के आधार पर अपील की सूचना होना मानते हुए मुकदमे को आगे बढ़ाया जाए। आप इस हेतु अपने वकील से सलाह कर के आवेदन पत्र न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत कर सकते हैं। इस आवेदन में आप यह भी कह सकते हैं कि जानबूझ कर मामले को लटकाने और आप तीन भाइयों को हैरान, परेशान और ब्लेक मेल करने के लिए इस तरह की अपील प्रस्तुत कर उसे फिजूल चलाया जा रहा है।