समस्या-
मेरे पिता जी ने मेरी माता जी के नाम से एक घर खरीदा था। पिता जी की मृत्यु हो चुकी है। इस घर के खरीदने में किसी और का पैसा नहीं लगा था न ही कोई पुश्तैनी जायदाद से उस में पैसा लगाया था, वह पूरी तरह मेरे पिताजी ने स्वअर्जित धन से खरीदा था। पिता जी की जमीन जायदाद का बँटवारा नहीं हुआ है। मेरी माता जी उस घर को बेचना चाहती हैं। लेकिन मेरे भाई लोग कहते हैं कि वह घर माताजी का नहीं है क्यों कि वह पिताजी ने खरीदा था इस लिए वह सबका होगा। क्या यह सही है? क्या अपने नाम की जमीन जायदाद कोई व्यक्ति बेच नहीं सकता? क्या उस मकान में भाइयों का भी कोई हक है?
-गीता तिवारी, सुल्तानपुर, उत्तर प्रदेश
समाधान-
इस तरह प्रथम दृष्टया आप की माता जी को उन के नाम से खरीदे गए मकान को विक्रय करने का अधिकार है। वे उसे बेच सकती हैं। यदि आप के भाई आदि आपत्ति उठाते हैं तो उन्हें न्यायालय के समक्ष जा कर यह साबित करना होगा कि वह मकान आप के पिताजी ने किसी अन्य उद्देश्य से खरीदा था जिसे साबित कर देना आसान नहीं है। आप के भाइयों का उक्त मकान पर कोई हक नहीं है।