तीसरा खंबा

गृहस्थी सजानी है तो पत्नी को मनाना सीखना पड़ेगा . . .

divorceसमस्या-

रायपुर-मौआ, छत्तीसगढ़ से भागवत टंडन ने पूछा है –

मुझे तलाक चाहिए। क्या हो जाएगा?  मेरी बीवी घर से चली गई और आ नहीं रही है। हम दोनों के बीच एक लड़ाई हुई तो वह घर से चली गई और अब कहती है नहीं आउंगी। कहती है मुझे तलाक लेनी है क्या करूँ?

समाधान –

प का प्रश्न बहुत विचित्र है। पहले आप कहते हैं कि मुझे तलाक चाहिए, क्या हो जाएगा? फिर कहते हैं पत्नी चली गई है और तलाक के लिए कहती है। पहले आप खुद यह तय कर लीजिए कि तलाक आप को चाहिए या पत्नी को चाहिए। आप को नहीं केवल पत्नी को चाहिए। या पत्नी को तलाक चाहिए और आप देना नहीं चाहते? मुझे तो लगता है कि आप दोनों के बीच किसी बात को ले कर झगड़ा हो गया है और दोनों अब तलाक तलाक खेल रहे हैं।

विवाह कोई गुड़ियों का खेल नहीं है। यह जीवन भर का साथ होता है। यदि विवाह किया है तो दोनों को निभाना सीखना चाहिए। आप ने यहाँ प्रश्न पूछा है तो लगता है कि आप अब इस खेल से छुटकारा पाना चाहते हैं। तो गंभीर होइए और वास्तविक समस्या पर विचार करिए कि कैसे दोनों के बीच का झगड़ा खत्म हो सकता है और फिर से दोनों किस तरह एक अच्छी गृहस्थी बना सकते हैं।

दुनिया में कोई पति-पत्नी नहीं जिन के बीच झगड़े न हुए हों और न होते हों। लेकिन तमाम मतभेदों और झगड़ों के बीच ही प्यार पनपता है। झगड़ा भी उसे ही होता है जिसे आप प्यार करते हैं। पत्नी झगड़े से रूठ कर मायके चली गई है और कहती है कि वापस नहीं आएगी, उसे तलाक चाहिए। तो समझ लीजिए कि वह नाक ऊँची रखना चाहती है। तो रख लेने दीजिए उसे अपनी नाक ऊँची। आप अपनी नाक नीची कर लीजिए। उस के पास जाइए, उसे कहिए कि आप की गलती है स्वीकार करते हैं। अब कोई झगड़ा नहीं करेंगे। मेरा मानना है कि आप की पत्नी मान जाएगी और आप के साथ आ जाएगी। आप के छोटे बन जाने से या नाक नीची कर लेने से आप न तो छोटे होंगे और न ही आप की नाक को तनिक भी हानि पहुँचेगी। बल्कि उसे अहसास होगा कि आप उस की गलती को भी स्वीकार कर रहे हैं। धीरे धीरे सब कुछ समझ आ जाएगा। कोई पत्नी अपने पति की नाक नीची होना और उस का छोटा बन जाना पसंद नहीं करती। मेरा मानना है कि आप दोनों अच्छी प्यार भरी गृहस्थी बना सकते हैं। गृहस्थी सजाना है तो पत्नी को रूठने का अधिकार तो देना होगा और उसे मनाने का तरीका भी सीखना होगा। और अभी किसी कानूनी सलाह या वकील की आप को कोई जरूरत नहीं है। बस समझाने वालों की जरूरत है उन्हें तलाशिए और उन की मदद लीजिए।

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