तीसरा खंबा

डरना छोड़कर बातचीत का रास्‍ता अपनाएं और अपना इलाज कराएं -भुवनेश शर्मा

समस्या-

प्रसांत चंद ने मरवाही, छत्तीसगढ़ से समस्‍या भेजी है कि-

मेरे दोस्त की शादी को 6 माह होने वाले है। शादी से पहले उसकी संबंध स्थापित करने की छमता समाप्त हो गई है (पिता न बन पाना) और उसे लगा की वह ठीक हो जायेगा इस डर व् झिझक के कारण उसने यह बात किसीको नहीं बताई और उसने शादी कर ली। किन्तु वह ठीक न हो पाया। उसने शादी के बाद लड़की को सब बता दिया और उसके और लड़की के बीच एक बार भी किसी भी प्रकार का शारीरिक सबंध नहीं बना है। कुछ दिनों बाद लड़की ने उसके और लड़के के परिवार को सब बता दिया कि वह पिता नहीं बन सकता। अब दोनों के परिवार वाले लड़के को दबाव बना रहे की वह दवाई खाये झाड़फूंक कराये। लड़की के घर वाले अब यह कहते है कि दवाई खाओ झाड़फूंक कराओ नहीं तो हम धोखाधड़ी और घरेलु हिंसा का केस कर देंगे। वह शासकीय कर्मचारी है जिस कारण उसे अपनी नौकरी को खो देने का डर भी सता रहा है। इन सब दबाव के कारण मेरे दोस्त की शारीरिक और मानसिक स्तिथि ख़राब हो गई है। वह उस लड़की के साथ नहीं रहना चाहता है और उससे तलाक लेना चाहता हैं। वह लड़की भी नहीं रहना चाहती लेकिन परिवार के दबाव के कारण दोनों साथ है उनके बीच कोई भी रिश्ता नहीं है। वह यह चाहता है कि लड़की की शादी कही और हो जाये मेरी वजह से उसकी लाइफ ख़राब न ही यह सोचकर भी तलाक देने चाहता है। उस लड़की और उसके परिवार वालो का बर्ताव और बहुत क्रूर होता जा रहा है।लड़की साथ में रह कर दवाओ के लिए दबाव डालती और लड़ाई भी दिन रात करती है, और एक बार सुबह घर से भागने की कोशिश कर रही थी जिसमे लड़के के द्वारा समझा कर रोक लिया। वह इन सब कारणों से बहुत तंग आ गया है किंतु परिवार के दबाव में कुछ भी नहीं कर पा रहा है। मेरा दोस्त केस होने और नौकरी को खो देने के डर से वह कुछ भी नहीं कर पा रहा है। और वह इन सब कारणों से आत्महत्या करना चाहता है। जिसमे मेरा प्रथम प्रश्न था की “”लड़के को कब तलाक और किस प्रकार से तलाक दे सकता है क्या वह तलाक हेतु आवेदन कर सकता है। अगर लड़की आवेदन करती है तो लड़के पर किस तरह का केस हो सकता है कौन कौन सी धाराएं लग सकती है।”” जिसका जवाब आपने प्रथम बार दिया की “”दोनों के बीच शारीरिक संबंध लड़के की नपुसंकता के कारण स्थापित नहीं हो सके हैं। लड़का और लड़की दोनों संयुक्त आवेदन दे कर विवाह को अकृत घोषित करने की डिक्री पारित करवा सकते हैं। लड़की को नुकसान हुआ है वह बेवजह उस के कौमार्य को खो बैठी है तो उसे कुछ तो हर्जाना देना पड़ेगा जो देना भी चाहिए।”” सर मेरा दूसरा सवाल था कि लड़का तलाक के साथ हर्जाना देने को भी तैयार है व् शादी के समय आये उसका सारा सामान भी देने को तैयार हैं किंतु लड़की तलाक के साथ धोखाधड़ी और घरेलु हिंसा का केस कर दूंगी कह रही है। क्या लड़का एक साल के अंदर तलाक की अर्जी दे सकता है। जिसमे उसका इस केस में बचाव हो सके?? दूसरी बार आपने जवाब दिया कि “”लड़के को स्वयं ही विवाह को अकृत घोषित कराने के लिए अर्जी दे देनी चाहिए। लड़़की फिर भी कोई मुकदमा करती है तो उन में तो प्रतिरक्षा अदालत में ही की जा सकती है।  सर अब मेरा सवाल है कि क्या “”” लड़के के द्वारा विवाह को अकृत घोषित कराने की अर्जी देने पर उसका मेडिकल कोर्ट के द्वारा कराया जायेगा या उससे किसी प्रकार का मेडिकल रिपोर्ट अपनी तरफ से आवेदन के साथ जमा करना होगा। क्या इस केस में मेडिकल रिपोर्ट कोर्ट अनिवार्य करता है या नहीं। सर कृपया सही मार्गदर्शन प्रसस्त करें।

समाधान-

(हमने उक्त समस्या समाधान हेतु अपने सहयोगी वकील श्री भुवनेश शर्मा मुरैना, म.प्र. को भिजवाई थी। उन्हों ने इस समस्या का समाधान अपने ब्लागन विवाह परामर्श Vivaah Paramarsh पर प्रस्तुत किया है। आप उन के द्वारा प्रस्तुत समाधान उन के ब्लाग पर जा कर पढ़ सकते हैं।)

सबसे पहली बात तो आपने बताया कि आपके दोस्‍त नौकरी करते हैं तो जाहिर सी बात है शिक्षित भी होंगे इसके बावजूद यदि वे सेक्‍स करने के लिए खुद को अनफिट पाते हैं तो इसके लिए उन्‍हें सबसे पहले किसी इस विषय के किसी अच्‍छे विशेषज्ञ डॉक्‍टर से मिलना चाहिए था। जो कि एक सामान्‍य बुद्धि वाली बात है और ये भी जरूरी नहीं कि इलाज के बारे में किसी को बताया जाए। ज्‍यादातर मामलों में नपुंसकता (Impotency) का इलाज संभव है परंतु झिझक और शर्म से कुछ होने वाला नहीं।

आपके मित्र की पत्‍नी और ससुरालवाले जो कुछ कर रहे हैं या कह रहे हैं वह स्‍वाभाविक है,ज्‍यादातर मामलों में लोगों की प्रतिक्रिया इससे भी खराब होती है। यदि वे आप पर दवा खाने का दबाव डाल रहे हैं तो ये दर्शाता …. आगे पढ़ें

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