मित्रों और पाठकों!
वर्ष 2014 के आ
तीसरा खंबा ब्लागस्पॉट के एक ब्लाग के रूप में आरम्भ हुआ था। 1 जनवरी 2012 को इसे इस साइट में बदला गया। यह रूप धारण करने के बाद इस के पाठकों में तेजी से वृद्धि हुई। इन तीन वर्षों में इसे सात लाख से अधिक पाठक मिले हैं। यह हिन्दी की किसी भी अव्यवसायिक साइट के लिए जिसे दो व्यक्ति मिल कर अपने खुद के संसाधनों से चला रहे हों एक कीर्तिमान हो सकता है।
इस साइट के संचालक इस माह अपने निजि पारिवारिक कारणों से व्यस्त रहेंगे। जिस के कारण हो सकता है कि पाठकों की कुछ जटिल समस्याओं को हल मिलने में देरी हो। हालाँ कि हमारा पूरा प्रयत्न होगा कि हमेशा की तरह कम से कम एक पाठक की समस्या का हल प्रतिदिन प्रस्तुत किया जाए। हमारी इस गति के कारण हम अनेक पाठकों की समस्याओं का हल प्रस्तुत करना चाहते हुए भी नहीं कर पाते। इस का कारण संसाधनों की कमी है। हम तीसरा खंबा के लिए संसाधन जुटाना चाहते हैं और उस के लिए प्रयासरत भी हैं। हो सकता है हम अगले दो तीन माह में इस स्थिति में आ सकें कि हम प्रतिदिन एक से अधिक पाठकों को समाधान प्रस्तुत कर सकें।
बहुत से पाठक चाहते हैं कि उन की समस्या का समाधान तुरन्त दिया जाए। अनेक पाठकों की यह इच्छा रहती है कि उन की समस्या का समाधान प्रस्तुत करने के बाद भी वे हम से लगातार मार्गदर्शन प्राप्त करते रहें। लेकिन फिलहाल यह संभव नहीं है। हिन्दी भाषा मे इस काम को करने में बहुत चुनौतियाँ हैं। सब से पहले तो हमें समस्या देवनागरी हिन्दी में प्राप्त नहीं होतीं। वे अंग्रेजी या रोमन लिपि में होती हैं। हमें उन्हें देवनागरी हिन्दी रूप देना पड़ता है। भारत में सारा केन्द्रीय कानून अंग्रेजी में तो इंटरनेट पर उपलब्ध हो जाता है लेकिन नियम व उपनियम आदि उपलब्ध नहीं होते। राज्यों की विधियाँ तो बिलकुल उपलब्ध नहीं हो पातीं। इस कारण राज्य की विधियों से संबंधित विधिक समस्याओं के हल में परेशानी होती है। इन समस्याओं के हल के लिए यह आवश्यक है कि तीसरा खंबा का अपना एक ऐसा विस्तृत ग्रंन्थागार हो जिस में भारत और उस के सभी राज्यों की विधियाँ, नियम और उपनियम उपलब्ध हो सकें। लेकिन यह एक बड़ा काम है जो समय, श्रम और धन तीनों चाहता है। इस आवश्यकता को पूरा करना फिलहाल असंभव है। हमारे साधन सीमित हैं। केवल दो व्यक्ति अपने निवेश, श्रम और बचे हुए समय से इस साइट को चला रहे हैं।
फिर भी हम सोच रहे हैं कि हिन्दी पाठकों के लिए इस एक अकेली अनूठी साइट को किस तरह से बेहतर बनाया जा सकता है। हम पाठकों और मित्रों से भी चाहते हैं कि वे भी अपने सुझाव हमें दें। जिस से इस साइट की उपयोगिता में वृद्धि हो। ऐसा कोई भी सुझाव इसी पोस्ट की टिप्पणियों में अंकित किया जा सकता है।
यह नया वर्ष 2015 ईस्वी सभी पाठकों और मित्रों के जीवन में अनन्त खुशियाँ लाए, इसी शुभकामना के साथ…
आप का …
दिनेशराय द्विवेदी