तीसरा खंबा

नामान्तरण न होने मात्र से क्रेता को सम्पत्ति से वञ्चित नहीं किया जा सकता

समस्या-

राहुल ने ग्राम-पोस्ट शाहपुर, परगना खपरहा, तहसील सदर, जनपद जौनपुर से पूछा है-

क्या किसी नाबालिग व्यक्ति के नाम किसी जमीन का बैनामा हो सकता है? यदि हां, तो बैनामे के बाद उस जमीन का मालिक कौन होगा वह नाबालिग व्यक्ति स्वयं या उसके संरक्षक? यदि किसी जमीन का बैनामा किसी 12 वर्ष के नाबालिग व्यक्ति के नाम 1980 में हुआ हो और अभी तक अर्थात 40 वर्षो तक उसका नामांतरण उस व्यक्ति के नाम न हुआ हो तो क्या वह बैनामा मान्य होगा या नहीं?

समाधान-

किसी भी नाबालिग व्यक्ति के नाम कोई भी स्थावर सम्पत्ति हो सकती है। यदि किसी नाबालिग के पिता की मृत्यु हो जाए तो उसे अपने पिता से सम्पत्ति उत्तराधिकार में प्राप्त हो सकती है। उसे कोई उपहार में भी दे सकता है। इसी तरह नाबालिग के माता-पिता और संरक्षक उसके नाम जमीन खरीद सकते हैं और बैनामा एक नाबालिग के नाम हो सकता है।

नाबालिग की संपत्ति की देखभाल करने का दायित्व उसके संरक्षक का होता है। इस कारण उसकी ओर से कार्यवाही करने का अधिकार उसके संरक्षक को होता है लेकिन उस सम्पत्ति से संरक्षक भी नाबालिग के हितों के विपरीत वंचित नहीं कर सकता।

नामान्तरण केवल सरकारी रिकार्ड में स्वामित्व का अंकन मात्र है। नामान्तरण हो जाने से न किसी को स्वामित्व प्राप्त होता है और न ही कोई स्वामित्व से वंचित हो सकता है। इस कारण यदि किसी नाबालिग के नाम जमीन या कोई भी सम्पत्ति खरीदी गयी हो उसके विक्रय पत्र का पंजीयन हो गया हो तो उसी से नाबालिग सम्पत्ति का स्वामी हो जाता है। नामान्तरण न होने से उसे उस सम्पत्ति से वंचित नहीं किया जा सकता।

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