तीसरा खंबा की पोस्ट क्या मैं दादा जी की संपत्ति में विभाजन के लिए वाद ला सकता हूँ? पर बज्ज में डॉ महेश सिन्हा ने जानना चाहा था कि किसी निर्वसीयती हिन्दू पुरुष की मृत्यु के उपरांत अगर , माता, पत्नी और बच्चे कोई नहीं हो तो ऐसी संपत्ति किसके हक में जाएगी? इस प्रश्न का उत्तर उन्हें बज्ज पर देने के स्थान यहाँ दे रहा हूँ। यहाँ दिया हुआ उत्तर बज्ज पर तो चला ही जाएगा। यहाँ उसे अन्य पाठक भी पढ़ सकेंगे।
यदि प्रथम श्रेणी का कोई उत्तराधिकारी जीवित न हो तो द्वितीय श्रेणी के उत्तराधिकारियों को उत्तराधिकार प्राप्त होगा। इस श्रेणी में अनेक प्रविष्ठियाँ हैं …..
1. मृतक का पिता यदि जीवित है तो सब से पहले संपूर्ण संपत्ति उसे प्राप्त होगी;
2. पिता के जीवित न होने पर, पुत्र की पुत्री के पुत्र, पुत्र की पुत्री की पुत्री, भाई और बहन को समान भागों में प्राप्त होगी;
3. उपरोक्त में से कोई भी जीवित न होने पर, पुत्री के पुत्र के पुत्र, पुत्री के पुत्र की पुत्री, पुत्री की पुत्री के पुत्र और पुत्री की पुत्री की पुत्री को समान भागों में प्राप्त होगी;
4. उपरोक्त में से कोई भी जीवित न होने पर, भाई के पुत्र, बहिन के पुत्र, भाई की पुत्री, बहिन की पुत्री को समान भागों में प्राप्त होगी;
5.उपरोक्त में से कोई भी जीवित न होने पर, पिता के पिता व पिता की माता को समान भागों में प्राप्त होगी;
6. उपरोक्त में से कोई भी जीवित न होने पर, पिता की विधवा व भाई की विधवा को समान भागों में प्राप्त होगी;
7. उपरोक्त में से कोई भी जीवित न होने पर, पिता के भाई और पिता की बहिन को समान भागों में प्राप्त होगी;
8. उपरोक्त में से कोई भी जीवित न होने पर, माता के पिता व माता की माता को समान भागों में प्राप्त होगी;
9. उपरोक्त में से कोई भी जीवित न होने पर, माता के भाई और माता की बहिन को समान भागों में प्राप्त होगी।
यदि किसी निर्वसीयती हिन्दू पुरुष की मृत्यु के उपरांत उपरोक्त में से कोई भी उत्तराधिकारी जीवित न होने पर उस की संपत्ति हिन्दू उत्तराधिकार अधिनियम की धारा -29 के अनुसार उस की संपत्ति सरकार में निहित हो जाएगी और सरकार उस संपत्ति को मृतक के उन समस्त दायित्वों और अधिकारों के अधीन अपने आधिपत्य में ले लेगी जो एक उत्तराधिकारी को प्राप्त होते।
- किसी निर्वसीयती हिन्दू स्त्री की मृत्यु के उपरांत उस की संपत्ति का उत्तराधिकार का निर्धारण कैसे होगा? यह फिर कभी।