रिरमल ने जोधपुर, राजस्थान से समस्या भेजी है कि-
मेरे बड़े पिताजी हैं। उन की पत्नी उन से अलग रहती है। उन के एक पुत्री है जिस का पिताजी ने विवाह कर दिया है। मेरी उम्र 22 वर्ष है। मेरे बड़े पिताजी ने मुझे सामाजिक रूप से अपना गोद पुत्र घोषित कर रखा है। बड़े पिताजी की पत्नी इस गोदनामे से सहमत नहीं है। इस कारण से मुझे राय दें कि वे गोदनामा को कानूनी रूप से कैसे संपादित कर सकते हैं?
समाधान-
आप के बड़े पिताजी का उन की पत्नी से विवाह विच्छेद नहीं हुआ है और वे अब भी उन की पत्नी हैं। किसी भी दत्तक ग्रहण में यह आवश्यक है कि पत्नी की सहमति हो। दूसरा कोई भी व्यक्ति जिस की उम्र् 15 वर्ष से अधिक हो उसे द्त्तक ग्रहण नहीं किया जा सकता जब तक कि इस तरह की परिवार या समाज में कोई परंपरा न हो। इस प्रकार ऐसा प्रतीत होता है कि आप के बड़े पिताजी द्वारा आप को दत्तक ग्रहण किया जाना कानूनी रूप से संभव नहीं है।
दत्तक ग्रहण का कानूनी परिणाम यह होता है कि दत्तक ग्रहण किए जाने वाला व्यक्ति दत्तक ग्रहण किए जाने वाले व्यक्ति का उसी प्रकार पुत्र माना जाता है जैसे कि वह दत्तक ग्रहण करने वाले की औरस संतान हो। आप को दत्तक ग्रहण किए जाने पर आप को बड़े पिताजी के जीवनकाल के उपरान्त उन के औरस पुत्र की ही भाँति आप उन के उत्तराधिकारी होते। उन की एक विवाहित पुत्री भी है। इस प्रकार पिताजी के जीवनकाल के उपरान्त तीन उत्तराधिकारी होते। बड़े पिताजी की पत्नी, पुत्री और एक आप। इस तरह उत्तराधिकार में आप को उन की एक तिहाई संपत्ति प्राप्त होती।
अब आप को दत्तक ग्रहण कानूनी रूप से नहीं कर पाने के कारण आप के बड़े पिताजी आप के नाम एक तिहाई संपत्ति वसीयत कर सकते हैं तथा पत्नी और पुत्री को भी एक तिहाई संपत्ति वसीयत कर सकते हैं। यह व्यवस्था भी वसीयत द्वारा की जा सकती है कि तीनों वसीयतियों में से किसी एक का देहान्त उन के जीवनकाल में हो जाने पर उन की संपत्ति शेष दो व्यक्तियों में बराबर बाँटी जाएगी। वसीयत में किसी अन्य प्रकार की व्यवस्था भी की जा सकती है।