पत्नी द्वारा दहेज प्रताड़न में मिथ्या शिकायत दर्ज कराने की आशंका है, मैं क्या करूँ?
दिनेशराय द्विवेदी
शिवेन्द्र सिंह पूछते हैं – – –
मेरी पत्नी पिछले तीन महीने से अपने मायके भोपाल में है। मेरा उससे किसी प्रकार का कोई विवाद नहीं है। दिन पहले उसने फोन करके कहा की मै अब तुम्हारे साथ नहीं रहूंगी और उसने मेरे से बात करना बंद कर दिया है। मेरा ३ साल का एक बच्चा है। मुझे डर है कि वह कहीं मुझे व मेरे परिवार को दहेज़-प्रताडन में पुलिस में झूठी शिकायत कर सकती है इस अप्रिय स्थिति से बचने के लिए मुझे क्या करना चाहिए।
उत्तर – – –
शिवेन्द्र जी,
कोई तो बात है जिस के कारण आप की पत्नी ने ऐसा कदम उठाया है। अनेक बार होता यह है कि पत्नी एक अलग जीवन स्तर से आई होती है और पति का जीवन स्तर भिन्न होता है। सांस्कृतिक भिन्नताएँ भी होती हैं। पत्नी नए जीवन स्तर और सांस्कृतिक वातावरण में स्वयं को ढालने का प्रयत्न करती है। लेकिन यदि उस के मायके का जीवन स्तर अधिक भिन्न और अधिक स्वतंत्रता पूर्ण हुआ और सांस्कृतिक रुप से भिन्नता अधिक हुई तो पत्नी नए वातावरण में स्वयं को ढाल नहीं पाती है और घुटन महसूस करने लगती है। इस घुटन को वह अपने पति और ससुराल वालों को बताती भी नहीं है जिस के कारण उन्हें इस की भनक तक भी नहीं लगती। इस बीच एक संतान भी हो जाती है। एक दिन वह अचानक इस तरह का निर्णय ले लेती है। मैं इस तरह के मामलों से पहले भी दो-चार हो चुका हूँ। इस तरह के मामलों में पत्नी किसी भी तरह का मुकदमा करने से भी कतराती है। इस कारण से आप को आशंकित होने की आवश्यकता नहीं है।
यदि पत्नी आप से बात नहीं कर रही है तो बिना किसी उत्तेजना के मामले को समझने के लिए पत्नी के मायके जाइए और वहाँ उस के माता-पिता, भाई-भाभी और उस की बहन-बहनोई से बात करिए। आप को पता लग जाएगा कि मामला क्या है। एक संतान आप के है और यह रिश्ता बना रहे इस का प्रयत्न आप को करना होगा। इस के लिए आप को छोटा बनना पड़े तो बनिए। किसी रिश्ते को बचाने के लिए छोटा बनना भी बड़प्पन है। आप छोटा बन कर यह बड़प्पन दिखाइए। मुझे लगता है कि मामला समझ में आते ही समस्या को हल किया जा सकता है।
जहाँ तक 498-ए का मामला है तो आज कल पुलिस पहले सब जाँच करती है। पति-पत्नी को बिठा कर बात करवा कर समझौता करवाने का प्रयत्न भी करती है। हालांकि पुलिस का रवैया वही पुलिस वाला होता है। उस के बाद ही इस तरह के मामले दर्ज किए जाते हैं। इस कारण से आप को घबराने की आवश्यकता नहीं है। फिर भी आप अपने यहाँ के अथवा भोपाल के पुलिस परिवार सहायता केंद्र में अपना मामला प्रस्तुत कर सकते हैं। पुलिस मामला दर्ज किए बिना आपस में बात करवा कर उसे सुलझाने का प्रयत्न करेगी। हो सकता है वहीं मामला सही हो जाए। आप एक बार अपनी ससुराल हो कर आइए। अपनी पत्नी को अपने साथ उस की शर्तों पर रखने का प्रस्ताव रखिए। मेरा मानना है कि मामला हल हो जाएगा या फिर पता लगेगा कि मामला क