प्रिय पाठक!
आप के प्रश्न से कहीं यह स्पष्ट नहीं हो रहा है कि आप इस समस्या के कानूनी हल के रुप में क्या चाहते हैं? आप अपने विरुद्ध दहेज के मुकदमे का सामना कर चुके हैं। आप के पास अपनी पत्नी के शादी के पहले और बाद के अपने जीजा के साथ नाजायज संबंधों के पक्के सबूत थे। आप चाहते तो उन के आधार पर अपनी पत्नी से तलाक ले सकते थे। आप ने वे सबूत भी अवश्य ही किसी वकील को बताए होंगे। यदि वे सबूत पर्याप्त होते तो आप का वकील आप को सलाह देता कि आप तलाक ले लीजिए। लेकिन आप ने ऐसा कुछ किया नहीं। इस से और आप के संदेश की भाषा से प्रतीत होता है कि आप ने उन सब के लिए पत्नी को माफ कर दिया है और आप ने उसे पुनः अपना लिया है, चाहे अपने इकलौते पुत्र की खातिर ही सही।
आप ने खुद ही बताया है कि आप की पत्नी डिप्रेशन की शिकार है और आप उस का इलाज करवा रहे हैं। आप ने उसे एक दो बार थप्पड़ भी मार दिया जिसे आप खुद स्वीकार करते हुए कह रहे हैं कि ऐसा आप से उच्चरक्तचाप के कारण गुस्सा आने पर हो गया। यह खबर सुन कर आप की पत्नी के भाइयों ने आप को हाथ काटने की धमकी दे डाली। लगता है आप की पत्नी के भाई भी स्वभावतः उच्चरक्तचापी हैं और जैसा आप ने किया वैसा ही उन्हों ने आप को जवाब दे दिया। आप कहते हैं कि वे बहुत पैसे वाले हैं, लेकिन उन के व्यवहार से लगता नहीं है कि ऐसा है।
वास्तव में आप की समस्या कानूनी है ही नहीं। वह चिकित्सकीय और सामाजिक है। आप के इस पत्र से लगता है कि आप उच्चरक्तचाप के साथ-साथ डिप्रेशन के भी शिकार हो चुके हैं। आप अपनी पत्नी की चिकित्सा ठीक से करवाइए। मुझे लगता है कि उन्हें , और आप को भी किसी मनोचिकित्सक की आवश्यकता है। आप तुरंत किसी मनोचिकित्सक से मिलें और उन्हें अपनी हालत बताएँ, उन से सलाह लें। दूसरी बार में अपनी पत्नी को भी ले जाएँ। यदि मनोचिकित्सक को लगता है कि आप और आप की पत्नी उ