पंकज जी ने अपनी समस्या इस तरह रखी है —
मेरी उम्र 34 वर्ष है, मेरी शादी को 8 वर्ष हो गये हैं। मेरे तीन बच्चे हैं जो क्रमशः 7, 6 व 4 वर्ष के है बीच की लडकी है। एक दूसरी कक्षा में, एक पहली कक्षा में और तीसरा के.जी. 2 मे है। शादी के बाद से मेरी पत्नी ने मुझे तंग करना शुरू कर दिया और मुझे आज तक चैन से नही रहने दिया। मैने हर बार उसको माफ करते हुये अपना जीवन जीने की सोची। पर आये दिन वह नये फार्मूले अपना कर मुझे तंग करती हैं। यहॉ तक कि उसने तीन बार मुझ पर झूठे मुकदमे लगा कर मेरी शिकायत भी की। मैं हर बार परिवार परामर्श केन्द्र में समझोता कर उसे घर पर ले आया। पर वह नही सुधरी हर बार मरने की धमकी देती है, दो बार तो फांसी के फन्दे बना कर उसने नाटक किए। एक बार तो दरवाजा भी तोडना पडा। एक बार डीडीटी भी थोडी मात्रा मे खा लिया। मैं इसकी रोज की धमकियों से परेशान हो गया। कहीं सच मे ही न मर जाये इस लिये मै ज्यादा उसे कुछ नहीं कहता। अपने काम से काम रखता हूँ। कई महीने लड़ती रहती है। किसी भी प्रकार का कोई सम्पर्क नहीं रखती। बात तक नही करती। इस सभी में मै न तो नौकरी सही से कर पाता हूँ, न ही पढ़ाई। बच्चों के खातिर मैं यह सब सहन कर रहा हूँ।
कृपया बताये किन आधार पर मुझे तलाक मिल सकता है, और मेरे बच्चे मुझे कैसे मिलेंगे? मिलेंगे भी या नहीं।
उत्तर —
पंकज जी,
आप की समस्या अत्यंत जटिल है। आप के द्वारा भेजे गए विवरण से यह पता नहीं लगता है कि आप की पत्नी की वास्तविक समस्या क्या है? यदि आप उस पर कुछ रोशनी डालते तो उस का कुछ हल निकाला जा सकता था। मुझे लगता है कि अपनी पत्नी से तलाक लेने की कार्यवाही करने के पहले आप को काउंसलर की मदद लेनी चाहिए। हो सकता है आप की पत्नी को किसी तरह का मानसिक रोग हो और उस के कारण उस का व्यवहार ऐसा हो। आप को पहले अपनी पत्नी के इस तरह के व्यवहार का कारण पता लगाना चाहिए, उस के बाद ही आप को आगे बढ़ना चाहिए।
जहाँ तक तलाक का प्रश्न है तो आप की पत्नी का व्यवहार आप के प्रति क्रूरतापूर्ण है। आप को इस आधार पर तलाक मिल सकता है। उस के लिए समीप के किसी अनुभवी वकील से सलाह करें। वह आप की पूरी बात को समझ कर आप को सलाह दे सकेगा और मार्ग सुझा सकेगा। फिलहाल इस एक आधार के अलावा कोई अन्य आधार दिखाई नहीं दे रहा है।
जहाँ तक आप के बच्चों की कस्टडी का प्रश्न है, तो आप के बच्चे आप के पास हैं तो आप उन्हें अपने पास रखिए। कस्टडी की कार्यवाही आप की पत्नी को करने दीजिए। वैसे बच्चों की कस्टडी के मामले में कानून यह है कि पाँच वर्ष से अधिक के पुत्र की कस्टड़ी पिता को दी जा सकती है और पुत्री की भी। लेकिन पुत्री के मामले में यह अवश्य देखा जाएगा कि आप के पास कोई महिला उस की देखभाल के लिए है अथवा नहीं। यदि आप की माताजी आप के साथ रहती हैं तो फिर पुत्री की कस्टड़ी भी आप को मिल सकती है। बच्चों की कस्टडी के संबंध में अन्तिम रूप से यह देखा जाता है कि उन का पालन-पोषण कहाँ बेहतर रीति से हो सकता है और उन का भविष्य किस के साथ सुरक्षित है।