पिता नहीं हैं, दादी की संपत्ति में हम अपना हिस्सा कैसे प्राप्त कर सकते हैं?
दिनेशराय द्विवेदी
कानपुर से अनुराग अवस्थी ने पूछा है –
हमारे पिता जी की खेती की सारी जमीन और मकान मेरी दादी के नाम है। पिताजी का देहान्त 15 वर्ष पूर्व हो चुका है। 2 वर्ष पूर्व दादी का भी देहान्त हो चुका है। अब सारी संपत्ति मेरे पिताजी की इकलौती बहिन, मेरी बुआ के कब्जे में है। हमारे पिताजी के मैं, मेरी दो बहिनें और माँ किस तरह से उक्त संपत्ति में अपना हिस्सा प्राप्त कर सकते हैं?
उत्तर –
अवस्थी जी,
आप ने यह नहीं बताया है कि आप का मकान और कृषि भूमि किस ग्राम में स्थित है तथा मकान कहाँ स्थित है। फिर भी आप ने अपना निवास कानपुर बताया है तो हम मान लेते हैं कि मकान और भूमि उत्तर प्रदेश में ही स्थित हैं। उत्तर प्रदेश में कृषि भूमि पर हिन्दू उत्तराधिकार अधिनियम लागू नहीं होता है। कृषि भूमि का उत्तराधिकार उत्तर प्रदेश जमींदारी उन्मूलन एवं भूमि व्यवस्था अधिनियम 1950 से शासित होगा। जब कि आप के मकान का उत्तराधिकार हिन्दू उत्तराधिकार अधिनियम से शासित होगा।
आप की सारी संपत्ति दादी के नाम है और पिता जी का पहले ही देहान्त हो चुका था इस कारण से उक्त संपत्ति का उत्तराधिकार दादी की मृत्यु पर ही लागू होगा। दादी की मृत्यु 2009 में हुई है आप की बुआ यदि उस समय विवाहित थी तो उसे उक्त संपत्ति में से कृषि भूमि पर कोई अधिकार प्राप्त नहीं होगा और समस्त संपत्ति आप के पिता के उत्तराधिकारियों में विभाजित होगी। लेकिन यदि आप की बुआ अविवाहित थी तो संपत्ति के दो हिस्से होंगे और आधा हिस्सा आप की बुआ को प्राप्त होगा और शेष बचे आधा हिस्सा आप के पिता के उत्तराधिकारियों को प्राप्त होगा। यदि आप की बहनें अविवाहित हैं तो आप की माता जी, आप की दोनों बहनों और आप को आप के पिताजी के हिस्से में से समान हिस्सा अर्थात कुल कृषि भूमि का 1/8 हिस्सा प्रत्येक को प्राप्त होगा। आप की बुआ के विवाहित होने की स्थिति में सारी कृषि भूमि का चौथाई हिस्सा आप में से प्रत्येक को प्राप्त होगा। यदि आप की दोनों बहिनें भी विवाहित हैं तो उन्हें भी कृषि भूमि में कोई हिस्सा प्राप्त नहीं होगा, तब आप की माता जी और आप को संपूर्ण कृषि भूमि का 1/2 हिस्सा प्राप्त होगा। कृषि भूमि को प्राप्त करने के लिए आप को उस का नामान्तरण राजस्व रिकार्ड में कराना चाहिए और फिर उस पर कब्जा प्राप्त करने के लिए राजस्व न्यायालय में वाद संस्थित करना चाहिए।
जहाँ तक मकान का प्रश्न है उस के मामले में हिन्दू उत्तराधिकार अधिनियम लागू होगा। मकान में आप के पिताजी
और आप की बुआ का समान हिस्सा है। आप के पिताजी के हिस्से में से आप की माता जी, आप की दोनों बहिनों और आप को समान हिस्सा प्राप्त होगा। इस तरह आप की माता जी, आप की दोनों बहिनों और आप को 1/8 हिस्सा मकान में प्राप्त होगा। इस के लिए आप को जिला न्यायालय में विभाजन के लिए वाद प्रस्तुत करना होगा।