तीसरा खंबा

पुराने कब्जे के आधार पर स्वामित्व कैसे साबित करें?

प्रश्न-

मेरे पास की जमीन दादा जी के समय की याने १९२० से पहले की है | जिसका कोई स्पष्ट दस्तावेजी प्रमाण यानी की जमीन का पट्टा या कोई क्रय/विक्रय पत्र नहीं है | हमारी  बसावट नगरपालिका के गठन से पहले की है | मकान हमने १९८० में बनवाया था, जिसकी निर्माण स्वीकृति  नगरपालिका द्वारा दी गयी थी |  अभी २००७ में मैंने उसी मकान के एक हिस्से में दूकान का निर्माण करवाया था जिसकी कोई भी स्वीकृति नही ली गयी थी | निर्माण कार्य के दोरान मुझे नगरपालिका  द्वारा  एक नोटिस मिला जिसमे मेरे द्वारा कराये जा रहे कार्य को अतिक्रमित भूमि पर बताया गया तथा मुझसे भूमि संबन्धी दस्तावेज मांगे गए | मैंने नोटिस के जवाब में लिख दिया की यह जगह हमारी पुरानी है | हम लोग यहाँ काफी वर्षों से रह रहे है पूर्व में जो निर्माण कार्य किया गया था उसकी स्वीकृति लीगयी थी |  मकानों पर लोन लिया हुआ था | इस लिए बैंक में उस स्वीकृति की रसीद को भी संलग्न किया गया था | लोन पूरा हो गया था। लेकिन लोन के कागजात बैंक से वापस ही नहीं लिए। २७ -२८ साल पुराने हो जाने की वजह से बैंक के रिकार्ड में नहीं मिल पा रहे  है | अत भविष्य में जब भी मुझे बैंक रिकार्ड उपलब्ध करवाएगा मैं कागजात पेश कर दूंगा |    उसके बाद फ़िर  दो तीन  नोटिस आए जिनके जवाब भी दे दिए गए |  मुझे एक पुराने पट्टे की प्रतिलिपि मिली जो मैंने नगरपालिका में जमा करवादी, और लिख दिया कि मै जब भी बैंक दवारा मूल पट्टे के कागज़ मिलेंगे उसे मै जमा करवा दूंन्गा | हालाँकि अब यह असंभव लगता है कि बैंक से पुराने  रिकार्ड मिल पायेंगे |

क्या वर्तमान में मुझे नगर पालिका द्वारा नया पट्टा जारी किया जा सकता है?  मुझे  नगर पालिका कर्मचारिंयों द्वारा बार बार मानसिक रूप से प्रताडित किया जाता है तथा मैं अपने मोहल्ले की किसी समस्या (सफाई वगैरा) के मामले की शिकायत भी उनसे नहीं कर पा रहा हूँ | क्योकि यह मामला अभी ठंडे बस्ते में चला गया है? कृपया सुझाव दें, क्या करूं  जिस से भविष्य में कोई समस्या  पैदा नहीं हो?

उत्तर-

आप सब से पहले तो यह समझ लें कि किसी भी संपत्ति के स्वामित्व के दो तरह के सबूत होते हैं। एक तो संपत्ति के दस्तावेज और दूसरे संपत्ति पर लम्बे समय से कब्जा। इन दोनों में संपत्ति पर कब्जा प्राथमिक सबूत है। आप का उक्त संपत्ति पर कब्जा आप के दादाजी के समय से चला आ रहा है। इस कारण से आप को आप को चिंतित होने की आवश्यकता नहीं है।

अब प्रश्न यह है कि आप अपने कब्जे को कैसे साबित करेंगे? तो इस के लिए जितने भी सबूत जुटाए जा सकते हैं जुटाएँ। उस मकान के हवाले से बहुत से पुराने दस्तावेज आप के पास तथा विभिन्न सरकारी रिकार्ड में जरूर होंगे। जैसे पुराने राशनकार्ड और वोटर लिस्टें। इस के अतिरिक्त जो भी पुराने सबूत आप जुटा सकें जुटाएं। आप के निकटतम पड़ोसी जिन की स्थावर संपत्ति आप के मकान से सटी हुई है उन के दस्तावेजों में आप की संपत्ति का उल्लेख भी होगा। उन दस्तावेजों की प्रमाणित प्रतियाँ उप पंजीयक कार्यालय अथवा  कलेक्टर रजिस्ट्रेशन के कार्यालय से प्राप्त की जा सकती हैं। इस तरह के सभी दस्तावेजों को  एकत्र करके रखें। विवाद के समय काम आएँगें।

राज्य सरकार के आदेश से नगर और ग्रामीण क्षेत्रों की संपत्तियों के पट्टे बनाने के अभियान साल दो साल में चलते रहते हैं। अब की बार जब भी ऐसा अभियान चले तो ध्यान रखिए और उस समय उस का पट्टा बनवा लीजिए। संपत्ति पर आप के आप के दादाजी के समय से कब्जे को साबित करने के लिए आप मुहल्ले के बुजुर्गों के बयान शपथ पत्र पर करवा सकते हैं।

आप सफाई वगैरह की शिकायत लिखित में नग
र पालिका दफ्तर को कर सकते हैं। उस के लिए डरने की कोई आवश्यकता नहीं है। यदि कभी लगे कि आप को नगर पालिका से  परेशानी हो सकती है तो अदालत में घोषणा और स्थाई व्यादेश (Permanent Injuction) के लिए दावा पेश कर अस्थाई व्यादेश प्राप्त कर सकते हैं।

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