समस्या-
दिल्ली में हमारी संपत्ति है। दादा जी का देहान्त 2006 में हो गया है। उन्हों ने अपनी संपत्ति का कोई बँटवारा नहीं किया और न ही कोई वसीयत की है। पिताजी और सब से छोटे चाचा दिल्ली में रहते हैं, शेष सब केरल में निवास करते हैं। सब से छोटे चाचा संपत्ति पर कब्जा करने की नीयत रखते हैं। कुछ समय पहले उन्हों ने संपत्ति पर लगे पेड़ों को बिना किसी से सलाह किए और अनुमति प्राप्त किए काट दिया और अपने काम में ले लिया। मेरे पिताजी उस समय तुरंत छोटे भाई से जा कर बात करते उस के पहले ही छोटे चाचा ने उन्हें अपने काम में ले लिया। अब वे कहते हैं कि मैं सारी प्रोपर्टी पर कब्जा कर लूंगा। हम उक्त प्रोपर्टी के बारे में स्थगन प्राप्त करना चाहते हैं। संपत्ति के सभी मूल दस्तावेजात पिता जी के पास हैं। हमें क्या करना चाहिए?
-राजकुमार झा, नई दिल्ली
समाधान-
आप के पिता को चाहिए कि वे तुरन्त बिना कोई देरी किए संपत्ति के बँटवारे के लिए वाद प्रस्तुत करें। इस वाद में आप के पिताजी के सभी भाई और बहनें तथा यदि आप की दादी जीवित हैं तो वे भी पक्षकार बनाई जाएंगी। इसी वाद में अलग से आवेदन कर के आप उक्त संपत्ति के कब्जे और स्वामित्व में किसी भी तरह का परिवर्तन न किए जाने के लिए न्यायालय से व्यादेश प्राप्त कर सकते हैं। यदि आप के चाचा उक्त संपत्ति की आय को अपने काम में ले रहे हैं तो आप के पिताजी इसी वाद मे एक आवेदन दे कर संपूर्ण संपत्ति किसी रिसीवर के कब्जे में देने तथा उस की आय को बँटवारे के लिए सुरक्षित रखने का आदेश न्यायालय से प्राप्त कर सकते हैं।