समस्या-
मेरे पिताजी दो भाई थे, जिनके पास एक पुश्तैनी जमीन 14×70 स्क्वायर फुट की थी जिसके खसरे में मेरे दादा का नाम दर्ज है। दोनों भाइयों ने आपसी रजामंदी से 40 वर्ष पूर्व जमीन का बंटवारा आधा-आधा कर लिया किन्तु कोई विलेख नही लिखवाया। मेरे पिताजी ने अपने हिस्से के 14×35 के प्लाट पर स्वयं के खर्च से 40 वर्ष पूर्व मकान बनवा लिया था तथा जिसका किसी ने विरोध नही किया था, जिसका गृहकर 38 वर्षो से पिताजी के नाम से ही जमा होता है, पिताजी जी की मृत्यु के बाद मेरे नाम से गृहकर जमा होता है और मकान पर मेरा ही कब्जा है। मेरे चाचा जिनके हिस्से में 14×35 का प्लाट था उन्होंने अपने हिस्से के प्लाट में अभी तक कोई निर्माण नही करवाया और उनकी मृत्यु भी हो चुकी है। अब विवाद का विषय ये है कि चाचा का पुत्र 40 वर्ष पूर्व हुए आपसी बंटवारे को नही मान रहा, उसका कहना है कि चूंकि 14×70 के पूरे प्लाट का खसरा उसके दादा के (पिता के पिता) नाम पर है और बंटवारे का कोई विलेख नही इसलिए घर का और खाली जमीन का बंटवारा करो और अपने घर मे से हमको भी हिस्सा दो। छोटे दादा के पुत्र द्वारा झूठे केस में फसाने की साजिश की जा रही और मारने की धमकी दी जा रही। क्या कानूनी तौर पर वह मेरे दादा जी का मकान हड़प सकता है? सर हमारे पास घर के 38 वर्षों का गृहकर की रसीद (जो पिताजी के नाम से है), घर का 12 वर्षों का बिजली का बिल (मेरे स्वयं के नाम से),16 वर्षो का जलकर की रसीद (पिताजी के नाम पर), पिताजी का राशन कार्ड, माताजी का राशन कार्ड और मेरे दादाजी के नाम वाला नगर पंचायत आफिस से जारी 14×35 स्क्वायर फुट के प्लाट (जिसमे पिताजी के द्वारा बनवाया मकान है) का खसरा है। क्या कानूनी तौर पर चाचा का पुत्र मेरे मकान पर कब्जा पा सकता है?
-मोनू अहमद, नगर पंचायत रुद्रपुर, जिला-देवरिया, (उ. प्र.)
समाधान-
यदि 40 वर्ष पूर्व बंटवारा हो चुका था तो उस के गवाह अवश्य होंगे। आवश्यकता पड़ने पर साक्षियों के बयान करवा कर बंटवारे को साबित किया जा सकता है। इस संबंध में आप Karpagathachi And Ors vs Nagarathinathachi 1965 AIR 1752 के प्रकरण को देखें। आप के पास पिताजी के नाम से 38 वर्ष से गृहकर की रसीद है। घर बनाने के बाद ही तो गृहकर आरंभ हुआ है यह एक सहायक सबूत है जो कहता है कि मकान बने हुए हिस्से पर आपका इतने लंबे समय से कब्जा है। 16 वर्षों का जलकर र 12 वर्ष से बिजली के बिल भी सहायक सबूत हैं। आप अच्छे से बंटवारा और मकान का निर्माण साबित कर सकते हैं। प्रतिकूल कब्जे (एडवर्स पजेशन) के तर्क का भी सहारा लिया जा सकता है। इस तरह कानूनी रूप से आपके मकान को हड़प करना इतना आसान नहीं है।
आप अपने चचेरे भाई को कह दीजिए कि वह दुबारा से बंटवारा चाहता है तो बंटवारे का दावा कर दे। फैसला अदालत में हो। आप यदि मुकदमे को मुस्तैदी से लड़ेंगे तो आप की संपत्ति आपके पास ही रहेगी।